देश का पहला स्मारक जहां रेलवे के शहीदों की याद में लगता है मेला! एक दिन ट्रेन करवाती है निःशुल्क सफर

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसा सीमावर्ती गडरा रोड. यहां साल 1965 के भारत-पाक युद्ध मे शहीद हुए रेलवे के 17 कर्मचारियों की याद में हर वर्ष 9 सितंबर को को गडरा रोड के शहीद स्मारक पर मेला लगता है. देश में यह पहला शहीद स्मारक है. जहां भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए रेलवे के 17 जवानों की याद में मेला लगता है. इस मेले में जोधपुर रेलवे डीआरएम पंकज कुमार सिंह सहित रेलवे के कर्मचारियों के अलावा शहीदों के परिवार के लोग शामिल हुए है.
दिनांक 9 सितंबर, समय 7 बजकर 40 मिनट. प्रति दिन की तरह आज भी बाड़मेर-मुनाबाव रेलगाड़ी नियत समय पर शुरू हुई लेकिन आज ट्रेन में बैठे हर एक व्यक्ति में जोश साफ नजर आ रहा था. वजह है 9 सितम्बर 1965 का दिन जब पाकिस्तान की ओर से की गई बमबारी में रेलवे के 17 कर्मचारी शहीद हो गए. जैसे ही ट्रेन शहीद स्मारक पहुंची तो पूरा गांव देशभक्ति के नारों से गुंजायमान हो गया.
भारत-पाक युद्ध में रेलवे के 17 कर्मचारी हुए थे शहीद
भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में हुए युद्ध के दौरान रेलवे के जांबाज कर्मचारियों ने पाकिस्तानी सेना की लगातार बमबारी के बावजूद अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे और भारतीय सेना के लिए राशन सामग्री व हथियार की रेल लेकर गडरारोड स्टेशन तक पहुंच गए. इस युद्ध में भारतीय रेलवे के 17 कर्मचारी देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए. उनकी याद में रेलवे की ओर से हर साल 9 सितंबर को गडरारोड के शहीद स्मारक पर मेले का आयोजन किया जाता है. 9 सितंबर को बाड़मेर-मुनाबाव के बीच चलने वाली ट्रेन निःशुल्क चलाई जाती है.
9 सितंबर को लगता है मेला
साल 1965 के युद्ध मे शहीद हुए लोको पायलट चुन्नीलाल के पोते दिलीप माली बताते हैं कि 1965 के युद्ध का मंजर सुनते ही रूह कांप उठती है. उनके दादाजी ने जो साहस और हिम्मत दिखाई. उसी की बदौलत ही हर साल 9 सितंबर को गडरा रोड़ शहीद स्मारक पर मेला लगता है. इतना ही नही इस दिन रेलवे की ओर से निःशुल्क ट्रेन संचालित की जाती है. जोधपुर डीआरएम सहित रेलवे कर्मचारियों द्वारा यहां फूल चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाता है.देश में यह पहला शहीद स्मारक है, जहां भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए रेलवे के 17 जवानों की याद में मेला लगता है. देश में रेलवे के शहीद जवानों की याद में और कहीं मेला नहीं लगता है.
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FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 21:20 IST