Rajasthan

Pithora Painting Style Which Is Similar To Religious Rituals: Mohapatr – पिथोरा चित्रकला शैली जो धार्मिक अनुष्ठान के समान : महापात्रा

आर्टिस्ट कम्यूनिटी द सर्किल के लिए हुआ ऑनलाइन सेशन

जयपुर।
पिथोरा एक अनूठी आदिवासी चित्रकला शैली है जो मूल रूप से गुजरात के राठवा जनजाति और राजस्थान, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बनाई जाती है। पिथोरा पेंटिंग इन जनजातियों के लिए एक धार्मिक अनुष्ठान के समान है। यह कहना है बैंगलोर की कलाकार जयश्री एस माहापात्रा का। आर्टिस्ट कम्यूनिटी द सर्किल के लिए आयोजित एक ऑनलाइन सेशन में उनका कहना था कि आदिवासी लोग देवता से अपनी किसी मन्नत या इच्छा पूर्ति के लिए मुख्य पुजारी के पास जाते हैं और मन्नत पूर्ण होने पर अपने घर के प्रथम कमरे में पिथोरा पेंटिंग बनाने की शपथ लेते हैं। जब उनकी इच्छा पूरी हो जाती है तो ये पेंटिंग बनाई जाती है। वर्कशॉप में उन्होंने सफेद रंग से पुते हुए वुडन कोस्टर पर हाथी का चित्र बना कर उसमें बॉर्डर बनाया और फिर उसमें काला, लाल,नीला और पीला रंग भरते हुए अत्यंत आकर्षक पेंटिंग बनाई। उन्होंने बताया कि इन पेंटिंग को कपड़े पर बना कर होम डेकोर या गिफ्ट आइटम भी बनाए जा सकते हैं। उन्होंने पिथोरा पेंटिंग शैली में बने हुए घोडे और हिरण के चित्र भी साझा किए।

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