एक बार लगाएं, 30 साल तक कमाएं मुनाफा! किसान करें इस खट्टे फल की खेती, पुष्कर के किसान हो रहे मालामाल

Last Updated:November 09, 2025, 08:10 IST
Amla Cultivation: राजस्थान के अजमेर जिले का पुष्कर न केवल धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से प्रसिद्ध है, बल्कि अब खेती-किसानी में भी पहचान बना रहा है. यहां के किसानों ने आंवले की खेती को आय का नया स्रोत बना लिया है. उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु के कारण आंवले का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है. मुरब्बा, जूस और कैंडी जैसे प्रोडक्ट्स से किसानों की आमदनी बढ़ी है. यह खेती कम मेहनत और लंबे समय तक मुनाफा देने वाली है.
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर जहां एक ओर धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से विश्व प्रसिद्ध है, वहीं दूसरी ओर यह क्षेत्र अपनी खेती-किसानी के लिए भी जाना जाता है. खासतौर पर यहां आंवले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. पुष्कर के आस-पास के गांवों में फैली उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु आंवले की खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है.

यहां के किसान लंबे समय से परंपरागत फसलों के साथ-साथ आंवले की खेती की ओर भी रुख कर चुके हैं. पुष्कर की उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु आंवले के उत्पादन के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है.

पुष्कर के आस-पास के गांवों जैसे , गनाहेड़ा, तिलोरिया, और बुढ़ानी के किसानों ने बड़े पैमाने पर आंवले के बाग लगाए हैं. इन बागों से हर साल हजारों किलो आंवले का उत्पादन होता है, जिसे जयपुर, अजमेर, नागौर सहित अन्य जिलों के बाजारों में भेजा जाता है.

कई किसान आंवले से जुड़ी मूल्य संवर्धन प्रक्रियाओं जैसे मुरब्बा, कैंडी, जूस और पाउडर बनाने में भी जुटे हैं, जिससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हुई है. सरकार की कृषि योजनाओं और कृषि विभाग के मार्गदर्शन से किसान अब आधुनिक तकनीकें और ड्रिप सिंचाई पद्धति भी अपना रहे हैं, जिससे उत्पादन में और सुधार हुआ है.

पुष्कर के किसान रामकेश मीणा ने लोकल 18 को बताया कि एक बार लगाए गए आंवले के पौधे 25 से 30 वर्षों तक फल देते हैं, जिससे किसानों को लंबे समय तक लगातार आय प्राप्त होती रहती है. इसके अलावा, आंवले के फलों की बाजार में सालभर मांग बनी रहती है.

किसान रामकेश ने आगे बताया कि पुष्कर आने वाले पर्यटक भी खेतों में लगे आंवले के बगीचों को निहारते हैं और मोबाइल से फोटोस क्लिक करते हैं. आंवले की खेती किसानों के लिए इसलिए भी लाभकारी है, क्योंकि इससे कई तरह के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. जिसके चलते इाकी डिमांड लगातार बनी रहती है. खास बात यह है इसमें अधिक मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है. शुरूआत में ही थोड़ी देखभाल करनी पड़ती है.

किसान रामकेश ने बताया कि आंवले की खेती ने न केवल पुष्कर के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार का नया अवसर प्रदान किया है. इस कारण आज पुष्कर सिर्फ आध्यात्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि हरित क्रांति का प्रतीक भी बनता जा रहा है.
First Published :
November 09, 2025, 08:10 IST
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एक बार लगाओ, 30 साल तक कमाओ मुनाफा! किसान इस खट्टे फल की करें खेती



