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खेत की मेड़ पर लगा दें इस पेड़ का पौधा, कुछ सालों में हो जाएगा तैयार, मिलेगा एफडी से बेहतर रिटर्न

Last Updated:December 11, 2025, 06:34 IST

Teak Cultivation: सागवान की खेती राजस्थान समेत देशभर के किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. मजबूत, टिकाऊ और महंगी लकड़ी के कारण इसे “ग्रीन गोल्ड” कहा जाता है. सागवान से प्रीमियम फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां और लक्ज़री इंटीरियर बनाए जाते हैं, इसलिए इसकी बाजार में हमेशा ऊंची मांग रहती है. किसान सागवान को खेत की मेड़ों पर लगाकर अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं. 15-20 साल में तैयार होने वाला एक पेड़ 40,000 से 1 लाख रुपए तक की आय दे सकता है. news 18

सागवान का पेड़ वैसे तो जंगलों में ज्यादा देखा जाता है, लेकिन आजकल किसान भाई इसकी खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह बिल्कुल साफ है सागवान की लकड़ी बेहद कीमती होती है और मार्केट में इसकी हमेशा अच्छी मांग बनी रहती है. यही कारण है कि इसे “ग्रीन गोल्ड” भी कहा जाता है.

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सागवान की लकड़ी मजबूत होती है, सालों-साल खराब नहीं होती और पानी-दीमक दोनों का उस पर कोई असर नहीं पड़ता है. इसी वजह से इससे प्रीमियम फर्नीचर, किचन, दरवाज़े, खिड़कियां, लक्ज़री इंटीरियर और महंगे शोरूम का सामान तैयार किया जाता है. बढ़िया गुणवत्ता और लंबे समय तक टिकने की वजह से इसकी कीमत सामान्य लकड़ियों से कई गुना ज्यादा मिलती है.

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अगर किसान भाई लंबी अवधि की कमाई चाहते हैं तो सागवान पेड़ बेहतरीन विकल्प है. एक बार पौधा लगा देने के बाद यह 15 से 20 साल में पूरी तरह परिपक्व हो जाता है और तब इसकी लकड़ी लाखों रुपये में बिकती है. कई किसान बताते हैं कि एक पेड़ से ही उन्हें 40 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है, वह भी बिना ज्यादा मेहनत के.

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सबसे अच्छी बात यह है कि सागवान का पौधा खेत के किनारों या मेड़ों पर लगाया जा सकता है. इससे मुख्य फसल पर कोई असर नहीं पड़ता और खाली पड़ी जगह का उपयोग भी हो जाता है. यानी किसान को एक्स्ट्रा कमाई का रास्ता भी मिल जाता है. खेत की मेड़ें मजबूत होती है और मिट्टी कटाव भी कम होता है.

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सागवान को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती. सामान्य बारिश वाले क्षेत्रों में यह आराम से बढ़ जाता है. बस शुरुआत के दो साल तक पौधे को थोड़ा ध्यान देना होता है. समय-समय पर सिंचाई और खरपतवार की सफाई की जरूरत पड़ती है. इसके बाद पेड़ खुद-ब-खुद तेजी से बढ़ने लगता है और ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती.

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आज बाजार में सागवान की कीमत लगातार बढ़ रही है, इसलिए इसे लगाने का यह बिल्कुल सही समय है. कई सरकारी और निजी नर्सरी में इसके पौधे आसानी से उपलब्ध हैं. किसान चाहें तो मनरेगा, कृषि वानिकी या वन विभाग की योजनाओं के तहत भी पौधे ले सकते हैं.

First Published :

December 11, 2025, 06:34 IST

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