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PM मोदी की पुतिन से मुलाकात के बाद भन्ना गया चीन, हमास-फतह के बाद यूक्रेन वालों को अचानक बीजिंग क्यों बुलाया?

नई दिल्ली: भारत और रूस की दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ है. चाहे संयुक्त राष्ट्र का मंच हो या कोई बड़ा मसला… दोनों ने शुरू से एक-दूसरे का साथ दिया है. भारत और रूस की इसी यारी से चीन परेशान रहता है. चीन इस दोस्ती में दरार लाने की हरसंभव कोशिश करता रहता है. मगर यह दोस्ती अटूट है. अमेरिका भी इस दोस्ती को समझता है. खुद अमेरिका तक मानता है कि रूस-यूक्रेन जंग में भारत ही शांति दूत का काम कर सकता है. यही वजह है कि पीएम मोदी के मॉस्को दौरे के वक्त अमेरिका ने कहा था कि भारत ही यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए रूस को मना सकता है. मगर नादान ड्रैगन है कि हकीकत से अनजान है. वह रूस-यूक्रेन जंग में चौधरी बनना चाहता है. खुद तो ताइवान और तिब्बत समेत अपने पड़ोसियों पर धौंस जमाता है. मगर चाहता है कि दुनिया उसे भारत की तरह शांति दूत बुलाए.

मोदी-पुतिन की मुलाकात से चीन को मिर्चीदरअसल, जब से जंग भड़की है, चीन रूस पर डोरे डालने की पूरी कोशिश कर रहा है. उसने पुतिन को अलग-अलग तरीकों से बीते कुछ समय से लुभाने का प्रयास किया है. मगर पीएम मोदी के मॉस्को दौरे ने चीन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. चीन अब पीएम मोदी की पुतिन संग मुलाकात से भन्ना गया है. यही वजह है कि चीन की चौधराहट दिखने लगी है. उसकी चौधराहट कम और बौखलाहट अधिक दिख रही है. आनन-फानन में वह रूस-यूक्रेन जंग और हमास-इजरायल जंग खत्म करवाने की झूठी कवायद में जुट गया है. इसके लिए चीन ने हमास और फतह के बीच सुलह करा दी है. ये दोनों कट्टर दुश्मन रहे हैं. हमास जहां हथियार के दम पर बात करता है तो फतह राजनीति के जरिए बदलाव की बात करता है.

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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में यूक्रेनी विदेश मंत्री से मुलाकात की.

चीन ने यूक्रेनी विदेश मंत्री को क्यों बुलाया?चीन यहीं नहीं रुका. उसने अब यूक्रेन के विदेश मंत्री को भी बीजिंग में बुला लिया. वह यूक्रेन को भरोसा दिला रहा है कि वह शांति दूत बनकर जंग खत्म करा देगा. दरअसल, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में पहले फिलिस्तीनी डेलीगेशन को बुलाया. उनके साथ बैठक की. इस बैठक में हमास और फतह जैसे कट्टर दुश्मनों को चीन ने एक कर दिया. इसके बाद बुधवार को वांग ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से मुलाकात की. यूक्रेनी विदेश मंत्री का बीजिंग आया इसलिए भी खास है, क्योंकि रूस और यूक्रेन जंग के शुरू होने के बाद पहली बार चीन ने किसी यूक्रेनी नेता की बीजिंग में मेजबानी की है.

आखिर करना क्या चाहता है चीन?यूक्रेनी विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के साथ मुलाकात में चीनी विदेशमंत्री वांग ने कहा कि बीजिंग शांति के लिए किए जा रहे हर प्रयास का समर्थन करता है. चीन इन मुलाकातों से खुद को एक बड़ी ताकत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है. चीन दुनिया को दिखाना चाहता है कि वर्ल्ड ऑर्डर में वह अब चीजें तय कर सकता है. चीन यूक्रेनी विदेश मंत्री संग मुलाकात के जरिए खुद को एक तटस्थ और शांति दूत के तौर पर पेश करना चाहता है. जबकि हकीकत यह है कि चीन जंग को और भड़काता रहा है. चीन खुद रूस के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने की फिराक में रहा है. चीन यूक्रेन जंग में रूस को हथियार और अन्य सैन्य सामानों की आपूर्ति करता रहा है. इस तरह से चीन हाथी की दांत की तरह है. खाने के कुछ और… दिखाने के कुछ और.

Tags: China, China news, Russia ukraine war, Ukraine war

FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 12:39 IST

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