PM मोदी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा और G20 में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 21 तारीख को तीन दिन की यात्रा पर साउथ अफ्रीका जा सकते हैं, जहां वे जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह सम्मेलन जोहान्सबर्ग में आयोजित होगा. प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी हर जी20 समिट में शामिल होते आए हैं. यह उनकी दक्षिण अफ्रीका की चौथी यात्रा होगी. इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा के नियाग्रा-ऑन-द-लेक में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान कई देशों के नेताओं से मुलाकात की. सबसे अहम मुलाकात उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ हुई, जिसमें दोनों ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और सप्लाई चेन को लेकर विस्तृत चर्चा की.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दिल्ली में हुए आतंकी हमले पर संवेदना जताई. जयशंकर ने X पर लिखा, दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए रुबियो का आभार. द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर चर्चा की और खास तौर पर व्यापार, सप्लाई चेन, यूक्रेन संकट, पश्चिम एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों की मुलाकात उस वक्त हुई है, जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में नरमी के संकेत मिल रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही कहा था कि हम कुछ ऐसा करने जा रहे कि भारत के लोग हमें प्यार करने लगेंगे. दोनों नेताओं के बीच भारत-अमेरिका व्यापार, सप्लाई चेन को मजबूत करने, यूक्रेन संकट, पश्चिम एशिया में युद्ध और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति पर खुलकर चर्चा हुई.
कई देशों के विदेशमंत्रियों से बात
जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद से भी भेंट की, जिन्होंने भारत को कनाडा का अहम साझेदार बताया. इसके अलावा, उन्होंने ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर, फ्रांस के जीन-नोएल बैरो, जर्मनी के जोहान वेडफुल, ब्राजील के मॉरो विएरा और मेक्सिको के डॉ. जुआन रेमन डे ला फुएंते से भी द्विपक्षीय चर्चाएं कीं. जयशंकर की इन बैठकों को भारत की बढ़ती वैश्विक सक्रियता और रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की आगामी दक्षिण अफ्रीका यात्रा से भारत को वैश्विक मंच पर अपनी नेतृत्व भूमिका को और सशक्त करने का अवसर मिलेगा.
पीएम मोदी का साउथ अफ्रीका दौरा क्यों खासप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 समिट में शामिल होना कई मायनों में अहम है. यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब दुनिया यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया संकट और सप्लाई चेन में अस्थिरता जैसी चुनौतियों से जूझ रही है. भारत, जिसने हाल ही में अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ की आवाज को प्रमुखता दी थी, अब उस एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा. यह यात्रा भारत-साउथ अफ्रीका संबंधों के लिहाज से भी खास है. दोनों देश ब्रिक्स और ग्लोबल साउथ जैसे मंचों पर साझी आवाज रहे हैं. पीएम मोदी की यह दक्षिण अफ्रीका की चौथी यात्रा होगी, जो यह दर्शाती है कि भारत अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी, व्यापार और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए गंभीर है. यह दौरा भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका को और सशक्त करने वाला साबित हो सकता है.



