Rajasthan

सर्दियों में बढ़ा निमोनिया खतरा | Pneumonia Risk & Saans Abhiyan Karauli

Last Updated:November 20, 2025, 12:55 IST

करौली जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों में बढ़ते निमोनिया खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 12 नवंबर से 28 फरवरी तक ‘सांस अभियान’ शुरू किया है. यह अभियान निमोनिया के लक्षण, बचाव और समय पर उपचार के प्रति जागरूकता फैलाने पर केंद्रित है, ताकि बच्चों और बुजुर्गों को इस गंभीर फेफड़ों के संक्रमण से बचाया जा सके, जो सर्दियों में तेजी से फैलता है.निमोनिया का साइलेंट अटैक: तेज बुखार और खांसी दिखते ही रखें सावधानसर्दियों में बढ़ा निमोनिया का खतरा: करौली में 28 फरवरी तक चल रहा ‘सांस अभियान’

करौली: सर्दी के मौसम में निमोनिया बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक बन जाता है. यह एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया और वायरस के जरिए तेज़ी से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैले कण स्वस्थ व्यक्तियों के फेफड़ों तक पहुंचकर संक्रमण पैदा कर देते हैं. छोटे बच्चों में यह संक्रमण तेजी से बढ़ता है क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कम होती है. निमोनिया के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है और उनमें तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में भारी कठिनाई होती है.

करौली जिले में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली जटिलताओं और मौतों को रोकने के उद्देश्य से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने विशेष पहल की है. 12 नवंबर से 28 फरवरी तक जिले में ‘सांस अभियान’ चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण स्तर तक पहुंचकर परिवारों को निमोनिया के लक्षण, इसके कारण और समय पर इलाज के महत्व के बारे में जागरूक करना है. स्वास्थ्य टीमें गांव-ढाणियों का दौरा कर विशेष साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करेंगी, जिसमें लोगों को यह बताया जाएगा कि निमोनिया एक जानलेवा संक्रमण बन सकता है, इसलिए शुरुआती लक्षण दिखते ही इलाज अत्यंत आवश्यक है.

संवेदनशील समूहों पर विशेष निगरानीमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयंतीलाल मीणा ने बताया कि नवजात शिशु, कुपोषित बच्चे, बुजुर्ग, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, धूम्रपान करने वाले और भीड़भाड़ वाले स्थानों में रहने वालों में निमोनिया का खतरा कई गुना अधिक रहता है. इन संवेदनशील समूहों पर अभियान के दौरान विशेष निगरानी रखी जाएगी, ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जा सके.

कैसे फैलता है यह संक्रमण?डॉ. मीणा ने बताया कि निमोनिया विभिन्न बैक्टीरिया और वायरस (जैसे इन्फ्लूएंजा) के कारण होता है. खांसते या छींकते समय निकलने वाले सूक्ष्म कण हवा में मिलकर अन्य व्यक्तियों के शरीर में प्रवेश करते हैं. विश्व स्तर पर यह बच्चों और पुरुषों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है.

निमोनिया के मुख्य लक्षणनिमोनिया को पहचानने के लिए इन लक्षणों पर ध्यान दें:

तेज़ बुखार और कंपकंपी
लगातार खांसी
सांस लेने में कठिनाई या तेज सांस लेना
छाती में दर्द
शरीर में कमजोरी
खांसते समय खून आना (दुर्लभ मामलों में)

विशेषकर छोटे बच्चों में ये लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सा सहायता लेना बहुत जरूरी है.

विभाग का लक्ष्य—हर परिवार तक जागरूकताअभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी बीसीएमओ और चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. विभाग का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक परिवारों तक सही जानकारी पहुंचाकर बच्चों और बुजुर्गों को इस गंभीर फेफड़ों के संक्रमण से बचाना है.

Location :

Karauli,Karauli,Rajasthan

First Published :

November 20, 2025, 12:55 IST

homerajasthan

निमोनिया का साइलेंट अटैक: तेज बुखार और खांसी दिखते ही रखें सावधान

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj