Rajasthan

Congress MLA Hemaram Chaudhary Resignation Matter, BJP Reacts – अब हेमाराम की ‘नई ज़िम्मेदारी’ पर भाजपा की आपत्ति, कहा- ‘इस्तीफा दे चुके विधायक का मनोनयन सही नहीं’

कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा प्रकरण, हेमाराम को ‘नई ज़िम्मेदारी’ दिए जाने पर उठ रहे सवाल, राजकीय उपक्रम समिति के बनाये गए सभापति, तो भाजपा ने उठाई आपत्ति, उपनेता प्रतिपक्ष बोले, ‘नाराज़ नेताओं को संतुष्ट करने की कांग्रेस की कवायद’, सवाल- ‘सभापति मनोनीत करने से पहले क्या हेमाराम की सहमति ली गई?’, विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं हेमाराम, फिलहाल मंज़ूर नहीं

By: nakul

Published: 04 Jul 2021, 01:38 PM IST

जयपुर।

विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री व् कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी को विधानसभा की राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाये जाने को लेकर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं।भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस पार्टी की ओर से नाराज़ नेताओं को संतुष्ट करने की कवायद करार दिया है। साथ ही सवाल किया है कि क्या विधानसभा अध्यक्ष ने किसी समिति का सदस्य बनाये जाने से पहले इस्तीफा दे चुके विधायक हेमाराम से सहमति ली थी?

 

ऐसे कम नहीं होगा असंतोष : राजेंद्र राठौड़
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी की मंज़ूरी के बाद गठित राजकीय उपक्रम समिति को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई है। राठौड़ ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली के विरुद्ध कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने दुःखी मन से लगभग डेढ़ माह पूर्व 18 मई को विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम-173 के अन्तर्गत अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को था। लेकिन अब उनका इस्तीफा सरकार के गले की फांस बना हुआ है।

 

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाकर इस गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास किया है। लेकिन इन समितियों में स्वयं के विरोधी कांग्रेस खेमे के सदस्यों को अधिक वरीयता देने से कांग्रेस में उभरे असंतोष व अंतर्कलह को किसी भी आवरण में ढ़का नहीं जा सकता है।

 

‘क्या हेमाराम की सहमति ली गई?’
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब यक्ष प्रश्न यह है कि अपनी बात पर अडिग रहने वाले वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पहले क्या उनकी सहमति ली गई थी? बिना सहमति के सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सभापति के रूप में नाम प्रस्तावित करना कहां तक उचित है?

 

इस्तीफे के बाद भी समिति में नाम
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने बीते शुक्रवार को विधानसभा की 4 वित्तीय समितियों और 15 अन्य समितियों का गठन किया है। इसमें पूर्व मंत्री और नाराजगी के चलते इस्तीफा देने वाले विधायक हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाया गया है। हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के तकरीबन डेढ़ महीने बाद गठित इन कमेटियों में हेमाराम को सभापति बनाए जाने से उनके इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की मंशा लगभग साफ हो गई है।

 

राजकीय उपक्रम समिति में हेमाराम चौधरी के साथ ही कुल 12 लोगों को शामिल किया गया है। यही वजह है कि समिति में हेमाराम का नाम शामिल होना चर्चा का विषय बना हुआ है और विरोधी दल भाजपा इस आपत्ति को उठाकर कांग्रेस के सत्ता और संगठन को घेरने की कोशिशों में जुटे हैं।









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