POCSO Court Verdict: नाबालिग से छेडछाड़ के दोषी साधु को 4 साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

हाइलाइट्स
नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला
धौलपुर पोक्सो कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा
न्यायालय ने दोषी पर 11 हजार का जुर्माना भी लगाया है
हरवीर शर्मा.
धौलपुर. धौलपुर के विशेष न्यायालय ने पोक्सो एक्ट के तहत दिहौली थाने में दर्ज हुए 14 वर्षीय नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 11 हजार रुपये के जुर्माने का दण्ड भी लगाया है. विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक संतोष मिश्रा के अनुसार परिवादी ने पुलिस थाना पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री 21 अगस्त 2020 को स्कूल से मिड डे मील का गेहूं लेने गई थी.
रास्ते में वह पास में बने मंदिर के पास बैठ गई. तभी मंदिर का साधु चरनदास उसे मंदिर के पीछे ले गया और गलत काम करने लगा. नाबालिग के चिल्लाने पर साधु ने उसकी पिटाई कर दी. जैसे ही वहां पर लोग पहुंचे चरनदास वहां से भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने मामला दर्ज कर केस की इनवेस्टीगेशन के दौरान आरोपी चरनदास को गिरफ्तार कर पोक्सो न्यायालय में पेश किया.
न्यायाधीश जमीर हुसैन की अदालत ने सुनाया फैसला
चरनदास पोक्सो कोर्ट से जमानत पर बाहर चल रहा है. लोक अभियोजक मिश्रा के अनुसार प्रकरण में 18 गवाह पेश किये गए. बुधवार को न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद मुल्जिम चरनदास पुत्र फूलसिंह ठाकुर उम्र 60 वर्ष को आईपीसी की धारा 323, 341 में एक माह का कारावास और पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 में चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
क्या है पोक्सो एक्ट
नाबालिग बच्चों के साथ उत्पीड़न के घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने पोक्सो कानून बनाया था. इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ के शोषण के खिलाफ कड़े नियमों का प्रावधान किया गया है. इस कानून के तहत 12 साल तक की बच्चियों से रेप करने पर आरोपी को फांसी की सजा दिए जाने का नियम है.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2023, 20:51 IST