Rajasthan

Poddar School: Center For Excellence- Bad Situation,medium Has Changed – Poddar School: Center for Excellence का हाल बेहाल, मीडियम बदला, हालात नहीं

Center for Excellence – सरकार ने पोद्दार स्कूल को भले ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाए जाने की घोषणा की हो लेकिन स्कूल हालात बिल्कुल विपरित हैं। ना साफ सफाई है, ना ही सुविधा

सरकार ने की Center for Excellence बनाने की घोषणा
अंग्रेजी माध्यम में कर दिया तब्दील लेकिन…
हालात पर किसी का ध्यान नहीं

Rakhi Hajela
Center for Excellence यानी एक ऐसा संस्थान जिसकी स्थापना अन्य संस्थानों के लिए आदर्श रूप में की गई हो जिसे देखकर अन्य संस्था प्रेरणा ले और खुद भी उसी रूप में ढालने का प्रयास करे। State Govt.की बजट घोषणा के अनुरूप Education Department ने गांधी सर्किल स्थित Poddar School में सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाए जाने के साथ ही उसे English Medium से संचालित किए जाने के निर्देश तो जारी कर दिए लेकिन स्कूल के हालात पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। Patika ने Center for Excellence या घोषित किए गए पोद्दार स्कूल का जब जायजा लिया तो कुछ ऐसे हालात सामने आए :
स्कूल है या झाडिय़ों का जंगल
स्कूल में घुसते ही बड़ी घनी झाडिय़ों का जंगल देखने को मिलता है। स्कूल भवन के पीछे का हाल भी कुछ ऐसा ही है। सालों से इन झाडिय़ों को साफ नहीं किए जाने से इनमें विषैले जीव जंतुओं होने का खतरा हमेशा बना रहता है। बरसात के बाद यह और भी घनी हो गई। हालांकि स्कूल के कुछ शिक्षकों ने अपने स्तर पर यहां हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाए हैं लेकिन झाडिय़ों की सफाई नहीं होने से उनकी मेहनत भी व्यर्थ जाती प्रतीत होने लगी है। स्कूल में एनरोल 565 विद्यार्थियों के पास खेलने के लिए कोई जगह नहीं है। उनका कहना है कि यदि इन पेड़ पौधों और झाडिय़ों की सफाई हो जाए तो उनके लिए जगह बन सकती है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
साफ सफाई से दूर दूर तक नाता नहीं
स्कूल का साफ सफाई से दूर दूर तक नाता ही नहीं है। स्कूल परिसर में गंदगी और जगह जगह गंदा पानी फैला देखा जा सकता है। स्कूल का जलमंदिर जहां विद्यार्थी पानी पीते हैं कि महीनों से साफ सफाई नहीं की गई। जगह जगह पान की पीक, गदंगी लगी देखी जा सकती है। यहां तक पानी की टंकी के आसपास मकडिय़ों ने अपना घर बना रखा है। जानकारी के मुताबिक यहां एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी नियुक्त है वह भी इसी माह सेवानिवृत्त होने वाली है जबकि अन्य कार्मिक प्रतिनियुक्ति पर कहीं अन्य काम कर रहे हैं लेकिन उनका वेतन स्कूल की ओर से दिया जा रहा है।
आधे से अधिक भवन किराए पर
स्कूल परिसर में सूचना केंद्र और मूक बधिर कॉलेज भी संचालित किया जा रहा है। स्कूल ही पहली मंजिल पर मूक बधिर कॉलेज है जबकि ग्राउंड फ्लोर पर कई कमरे सूचना केंद्र के पास हैं। ऐसे में कुछ कमरों में स्कूल का संचालन होता है। कोविड में प्रोटोकॉल की पालना करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाना शिक्षकों के लिए भी सिरदर्द है। कक्षा कक्ष की कमी के कारण खुले मैदान में कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। सबसे अधिक समस्या स्कूली विद्यार्थियों के समक्ष तब होती है जबकि यहां बने टॉयलेट्स पर कॉलेज प्रशासन अपना हक जताते हुए ताला लगा देता है। जानकारी के मुताबिक कॉलेज को यह भवन किराए पर एक साल के लिए दिया गया था जो आज तक खाली नहीं हो सका है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उनके भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे खाली कर देंगे। नाम का इंग्लिश मीडियम
स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील करने के निर्देश भी शिक्षा विभाग जारी कर चुका है लेकिन अब तक स्कूल को अंग्रेजी मीडियम के शिक्षक नहीं मिल पाए हैं। पिछले दिनों विभाग की ओर से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए प्राचार्य की साक्षात्कार प्रक्रिया आयोजित की गई थी, मंगलवार को स्कूल में प्राचार्य पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।





Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj