Pomegranate Farming: नानूराम की जुगाड़ू खेती, रेतीले धोरों में लगाए 2500 अनार के पौधे, 18 लाख की सालाना कमाई

बीकानेर. बीकानेर में अब किसान परंपरागत खेती के अलावा नए तरीके से खेती कर रहे हैं यानी खेती में नवाचार कर रहे है. किसानों की मेहनत के चलते अब रेतीले धोरों में अनार लहलहाती हुई नजर आ रही है. इन दिनों बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ तहसील के राजेडू गांव के किसान नानूराम ने अनार की फसल से हर साल अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है.
अपनाया उद्यानिकी नवाचारयुवा किसान नानूराम ने बताया कि जहां वर्ष 2018 तक परंपरागत कृषि ग्वार, बाजरा, मोठ, मूगफली, सरसों व चना की खेती करते थे. वही तीन-चार वर्ष पूर्व कृषक नानूराम कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत के संपर्क में आए. कृषि उद्यान विभाग ने श्री डूंगरगढ़ क्षेत्र में घटते जलस्तर के मध्य नजर युवा कृषक नानूराम को अनार भगवा किस्म का बगीचा स्थापना की सलाह दी.
3 हेक्टेयर क्षेत्र में अनार के 2500 पौधे युवा कृषक नानूराम ने उद्यानिकी नवाचार अपनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति थी. इसी के परिणाम स्वरूप आत्मा योजना अंतर्गत प्रायोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत कृषि अधिकारियों के साथ बाड़मेर, गुजरात, जोधपुर, जालोर, गंगानगर, जैसलमेर इत्यादि क्षेत्रों का भ्रमण किया. 2018 में कृषि उद्यान विभाग के प्रोत्साहन से अनार भगवा किस्म का बगीचा 3 हेक्टेयर क्षेत्र में 2500 पौधे के साथ स्थापित किया तथा बूंद बूंद सिंचाई ड्रिप के द्वारा बगीचे में सिंचाई व उर्वरक प्रबंधन विभागीय अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के देखरेख में सार संभाल की.
प्रति पौधा 30 से 40 किलो अनार की उपजसमय-समय पर कृषि अधिकारियों ने भी नानूराम के अनार बगीचे का भ्रमण किया एवं तकनीकी सलाह दी. इसी का परिणाम रहा कि नानूराम आज प्रति पौधा 30 से 40 किलो अनार की उपज प्राप्त कर रहे हैं एवं नानूराम को 90 से 100 रुपए प्रति किलो बाजार भाव मिल रहे हैं.
प्रति वर्ष 18 से 20 लाख रूपये की अतिरिक्त आमदनीबीकानेर के अलावा जीवाणा जालोर, मदुरई तमिलनाडु में भी यह अनार का विपणन कर रहे है. इससे ‘समृद्ध किसान खुशहाल राजस्थान’ की परिकल्पना को युवा किसान नानूराम ने सिद्ध किया व इनकी आमदनी दुगनी हुई. नानूराम ने बताया कि 2500 पौधों से उन्हें प्रति वर्ष 18 से 20 लाख रूपये की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है.
पाला पड़ने से अनार फसल को नुकसानहालांकि माह दिसम्बर-जनवरी में पाला पड़ने से अनार फसल को थोड़ा नुकसान होता है इसके साथ-साथ फल फटने की समस्या भी अनार में रहती है लेकिन इन सबके बावजूद भी कभी युवा कृषक नानूराम का हौसला नहीं डगमगाया. इसी का परिणाम रहा कि आज नानूराम उन्नत कृषि के साथ समन्वित कृषि जैविक खेती, जोजोबा खेती, पशुपालन व अनार बगीचा स्थापना से अच्छा लाभ कमा रहे हैं. नानूराम ने कहा कि बिना कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग के यह संभव नहीं था.
बगीचा स्थापना पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदानउद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने कहा निस्संदेह युवा किसान नानूराम की मेहनत अन्य किसान भाईयों को प्रेरित करने वाली है. इनकी उन्नत कृषि उद्यानिकी को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से नानूराम को जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है. जिले के अन्य किसान भाई नानूराम के खेत का भ्रमण कर उनके द्वारा अपनाई गयी उन्नत कृषि उद्यानिकी तकनीकी को जरूर देखें व अंगीकार करें. उद्यान विभाग द्वारा फल बगीचा स्थापना पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान देय है.