घट गई 1 करोड़ आबादी… जनसंख्या को कोसते हैं भारतीय, उधर इंसान के लिए तरस रहा यूक्रेन
भारत में जनसंख्या एक बड़ी समस्या मानी जाती है. अधिकतर लोगों का मानना है कि भारत के पास अपनी विशाल जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. दूसरी तरफ दुनिया के तमाम विकसित देशों में जनसंख्या सीमित है और वहां के लोगों का जीवन स्तर बहुत अच्छा है. खैर, अभी हम इस बहस में नहीं पड़ रहे हैं. बल्कि आज एक खबर की चर्चा करते हैं. यह खबर यूक्रेन की है. यहां रूस के साथ जंग शुरू होने के बाद बीते करीब ढाई साल में आबादी में करीब एक करोड़ की कमी आई है. इससे पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. यूक्रेन एक ऐसा मुल्क है जहां पहले से ही जन्म दर न्यूनतम स्तर पर है. यहां औसतन प्रति महिला एक बच्चा पैदा होता है. यानी एक फीसदी का जन्म दर है. जबकि जनसंख्या की मौजूदा स्थिति को बनाए रखने के लिए न्यूनतम जन्म करीब 2.1 फीसदी चाहिए.
पूर्वी यूरोप के लिए यूएन पॉपुलेशन फंड की प्रमुख फ्लोरेंस बाऊर ने जेनेवा में एक सम्मेलन में कहा कि फरवरी 2022 में रूस से जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन में जनसांख्यिकी की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. उन्होंने कहना है कि इस दौरान यूक्रेन में बर्थ रेट घटकर एक फीसदी पर आ गई है. वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए यूक्रेन में उस वक्त पांच करोड़ की आबादी रहती थी. लेकिन, उसके बाद यहां की आबादी लगातार घट रही है. दरअसल, यूक्रेन से लगे पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया के देशों में यह समस्या आई है. यहां आबादी लगातार घट रही है.
2021 में यूक्रेन में जनगणनारिपोर्ट के मुताबिक रूसी हमले से पहले 2021 में यूक्रेन में जनगणना हुई थी. उसकी रिपोर्ट में पाया गया कि इस देश की आबादी घटकर चार करोड़ रह गई है. फिर रूसी हमले के बाद यहां की स्थिति और खराब हो गई. बीते करीब ढाई साल में यहां की आबादी में और एक करोड़ की कमी आई है. यानी इस वक्त यूक्रेन की आबादी करीब तीन करोड़ है. जो करीब तीन दशक पहले 5 करोड़ हुआ करता था.
रूस के साथ जंग में आबादी घटने के कई कारण हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो इस जंग दसियों हजार लोग मारे गए हैं. हालांकि यूक्रेन की सरकार ने कभी भी इस बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है.
इस दौरान जनसंख्या घटने की सबसे बड़ी वजह यूक्रेन से लोगों का पलायन है. इस वक्त करीब 67 लाख यूक्रेनियाई लोगों ने विदेश खासकर यूरोप में शरण ले रखी है. वैसे यूक्रेन ही नहीं रूस में भी कम होती आबादी एक बड़ी समस्या है. वहां भी जंग शुरू होने के बाद आबादी घटी है. जंग से पहले रूस में करीब 14 करोड़ की आबादी थी. आबादी घटने की वजह से यूक्रेन के गांव के गांव खाली हो गए हैं. घरों में केवल बुजुर्ग बचे हैं. युवा पीढ़ी देश से तेज से भाग रही है. घर खाली पड़े हैं. परिवार में एक-दूसरे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 12:29 IST