Power Companies Buried In Losses Of 86 Thousand Crores – 86 हजार करोड़ के घाटे में दबी बिजली कंपनियां, ऊर्जा सचिव ने डिस्कॉम्स के एमडी के अधिकार में की कटौती

मेटेरियल खरीद से लेकर संचालन व रखरखाव खर्चे में 50 फीसदी कटौती की

जयपुर। घाटे से जूझ रही बिजली कंपनियों के अधिकार और खर्चों पर कैंची चला दी गई है। अगले तीन माह के लिए मेटेरियल खरीदी के नए ऑर्डर स्थगित कर दिए गए हैं। साथ ही संचालन एवं रखरखाव (ओ एण्ड एम) के खर्च में भी 50 फीसदी की कटौती कर दी गई। विशेष परिस्थितियों में डिस्कॉम्स को खरीद आॅर्डर देने होंगे तो भी इसके लिए डिस्कॉम्स के चेयरमेन से अनुमति लेनी होगी।फिलहाल एक माह के लिए यह आदेश है, जिसे बढ़ाया जा सकेगा। डिस्कॉम्स के चेयरमेन और ऊर्जा सचिव दिनेश कुमार ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है। वित्तीय संकट के चलते ऐसा किया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली कंपनियों का घाटा 86 हजार करोड़ को पार कर गया है।
यह भी किया
-वर्ष 2021-22 में प्रस्तावित मेटेरियल खरीद-फरोख्त का फिर से मूल्याकंन होगा। मूल्यांकन प्रोक्योमेंट प्लानिंग एण्ड मैनेजमेंट कमेटी(पीपीएम) से कराया जाएगा।
-दैनिक और पाक्षिक जरूरत के हिसाब से मेटेरियल का स्टॉक मंगवाया जाएगा, जिससे जरूरत से ज्यादा मेटेरियल स्टॉक के रूप में नहीं रहे। अफसरों को चिंता सता रही है कि ऐसे मेटेरियल का हर दिन आकलन किस तरह किया जाए।
50 प्रतिशत की सीलिंग लिमिट
तीनों डिस्कॉम के चालू वित्तीय वर्ष के खर्च ब्यौरा भी सौंपा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जयपुर डिस्कॉम में हर माह औसतन 44 करोड़, अजमेर डिस्कॉम में 40 करोड़ व जोधपुर डिस्कॉम में 42 करोड़ का खर्च हुआ। यह राशि रखरखाव एवं संचालन में खर्च हुई।चेयरमैन ने इस खर्च को 50 प्रतिशत की सीलिंग लिमिट में करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में सीलिंग लिमिट से अधिक के खर्चें की छूट भी रहेगी, लेकिन इसके लिए भी चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी। सवाल यह है कि इस मद में कटौती करने से कहीं बिजली सप्लाई में दिक्कत नहीं हो जाए।
वित्तीय संकट या कुछ और
चर्चा यह भी चल रही है जारी गाइडलाइन वित्तीय संकट के आधार पर ही जारी की गई है या इसके पीछे कुछ और वजह भी है। विद्युत भवन में चर्चा यह भी है कि जयपुर, जोधपुर व अजमेर तीनों डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों के अधिकार र कुछ हद तक कैंची चली है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है।