Rajasthan

POWER COMPANIES POWER CRISIS NEW POWER PROJECTS – Power Generation अब 2.44 रुपए की दर से मिलेगी बिजली

प्रदेश के चार विण्ड प्लांटों (wind plants) से अब 2.44 रुपए की दर से बिजली मिलेगी। साथ ही प्रदेश में बायोमॉस आधारित विद्युत उत्पादन (Power Generation) के दो नए पॉवर प्रोजेक्ट (New Power Projects) लगाए जाएंगे। ये जयपुर जिले के फागी और बीकानेर के छतरपुर के पास लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टों से करीब 22.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यह निर्णय राजस्थान ऊर्जा विकास निगम (Rajasthan Energy Development Corporation) की 44वीं बैठक में लिया गया।

Power Generation अब 2.44 रुपए की दर से मिलेगी बिजली
— चार विंड प्लांटों से अब सबसे कम दर से मिलेगी बिजली, प्रदेश में लगेंगे दो बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट

जयपुर। प्रदेश के चार विण्ड प्लांटों (wind plants) से अब 2.44 रुपए की दर से बिजली मिलेगी। साथ ही प्रदेश में बायोमॉस आधारित विद्युत उत्पादन (Power Generation) के दो नए पॉवर प्रोजेक्ट (New Power Projects) लगाए जाएंगे। ये जयपुर जिले के फागी और बीकानेर के छतरपुर के पास लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टों से करीब 22.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को हुई राजस्थान ऊर्जा विकास निगम (Rajasthan Energy Development Corporation) के संचालक मण्डल की 44वीं बैठक में लिया गया।

उर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया (एसईसीआई) के माध्यम से निविदा से यह दर तय की गई है, जो विण्ड विद्युत खरीद की सबसे कम दर होगी। इन प्लांटोें से अनुबंध के तहत पहले 5 रुपए 71 पैसे की दर से बिजली खरीद की जा रही थी। अनुबंध अवधि पूरी होने के बाद नए सिरे से दर तय की गई है। उन्होंने बताया कि आरएसएमएमएल, एफएफआर सॉफ्टवेयर, एमेजो पॉवर एलएएलपी और उसदेव एंनजीटेक की अनुबंध अवधि समाप्त होने के बाद अब बिजली 2 रुपए 44 पैसे की दर से मिलेगी। इससे आने वाले समय में अनुबंध अवधि पूरे होने वाली अन्य विद्युत परियोजनाओं से भी प्रदेश में आगे उत्पादन जारी रखने की स्थिति में सस्ती दर पर बिजली मिलने की राह आसान हो गई है।

22.9 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में जयपुर जिले के फागी और बीकानेर के छतरपुर के पास दो बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टों से करीब 22.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। राज्य में बिजली की मांग के अनुसार खरीद और बेचान की दरों की मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और तुलनात्मक अध्ययन कराया जाएगा, जिससे व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

अब मॉनिटरिंग के साथ कर रहे जागरूक
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में देशभर में कोयले की कमी के कारण आपूर्ति व्यवस्था डगमगाने से बिजली का तात्कालिक संकट आया है। उन्होंने बताया कि इस तात्कालिक बिजली संकट के दौर में बिजली बचत खासतौर से अधिक ऊर्जा खपत वाले उपकरण एयर कण्डीसनर आदि का उपयोग नहीं करने और पीक ऑवर में बिजली की बचत कर सहयोग करने का आग्रह किया है। विभाग ने बिजली बचत का संदेश जन जन तक पहुंचाने की पहल की है। राजस्थान उर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य में बिजली के उत्पादन, उपलब्धता और मांग की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और विपरीत परिस्थियों के बावजूद विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक में ये हुए शामिल
उर्जा विकास निगम की 44वीं बोर्ड मीटिंग में टी. रविकांत के अलावा नवीन अरोड़ा, गोपाल विजय व अविनाश सिंघवी और विजय सिंह भाटी भी वर्चुअली जुड़े।

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