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मालदीव के मुइज्जू अब ऐसी दोस्ती के लिए तरसेंगे, श्रीलंका को दिया ₹180 करोड़ का लोन माफ कर सकता है भारत

नई दिल्ली: भारत की दोस्ती कितनी काम की होती है, यह अब मालदीव के मुइज्जू को समझ आ रही होगी. भारत से पंगा लेकर मालदीव को कुछ भी हासिल नहीं हुआ. उलटे हालत खराब हो रही है. टूरिज्म सेक्टर की हालत भी पतली हो गई है. भारत से टूरिस्टों को बुलाने के लिए अब उसे गुहार लगानी पड़ रही है. भारत अपने दोस्तों पर कितना मेहरबान रहता है, यह अब दुनिया देख रही है. चीन के झांसे में आकर भारत को आंख दिखाने वाले वाले मुइज्जू अब ऐसी दोस्ती को तरसेंगे. मुश्किल हालातों से घिरे अपने दोस्त श्रीलंका को उबारने के लिए भारत आगे आया है. अब खबर है कि श्रीलंका को दिया गया 180 करोड़ का लोन भारत माफ कर सकता है.

दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को श्रीलंका में थे. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानाके से मुलाकात की. भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए बड़ा दिल दिखाया. जयशंकर ने श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि भारत उसे आर्थिक तौर पर उठाने के लिए हर तरह से मदद करता रहेगा. भारत ने शुक्रवार को ऐलान किया कि श्रीलंका को दी गई 20 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट को अनुदान में बदला जा सकता है. इसका मतलब है कि श्रीलंका को दिया गया 20 मिलियन डॉलर यानी करीब 180 करोड़ का लोन भारत माफ कर सकता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात के दौरान ही यह ऐलान किया.

भारत ने श्रीलंका को दी बड़ी राहतजयशंकर ने भरोसा दिलाया कि श्रीलंका को ‘प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के माध्यम से’ भारत की तरफ से विकास सहायता दी जाती रहेगी. उन्होंने 6.15 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान के माध्यम से कांकेसंथुराई बंदरगाह का आधुनिकीकरण करने, दो करोड़ अमेरिकी डॉलर ( करीब 180 करोड़) की सात पूर्ण हो चुकी ऋण परियोजनाओं को अनुदान में परिवर्तित करने और 22 डीजल ट्रेन इंजनों को उपहार स्वरूप देने के नई दिल्ली के प्रस्तावों को सूचीबद्ध किया. इसके बदले श्रीलंका ने भी भरोसा दिया है कि वह अब अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा.

अब मालदीव को पछतावा ही पछतावाभारत और श्रीलंका की इस दोस्ती को देखकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी पछता रहे होंगे. वह सोच रहे होंगे कि चीन के बहकावे में आकर उन्होंने बेकार ही भारत से पंगा ले लिया. दरअसल, श्रीलंका की तरह मालदीव भी भारत का अच्छा पड़ोसी रहा है. मगर जब से मालदीव में मुइज्जू की सरकार आई है, तब से ही रिश्ते तल्ख हैं. चीन के पिठ्ठू बने मुइज्जू ने न केवल आंखें दिखाई, बल्कि भारत के खिलाफ भी कई कदम उठाए. हालांकि, अब उन्हें भारत की दुश्मनी का अंजाम भुगतना पड़ रहा है. मालदीव की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. यही वजह है कि अब मुइज्जू के तेवर नरम हो गए हैं. वह भारत संग दोस्ती के लिए बेताब दिख रहे हैं. खुद मालदीव के मंत्री का कहना है कि मुइज्जू को कुछ गलतफहमियां हो गई थीं, जो अब दूर हो गई हैं.

Tags: EAM S Jaishankar, Maldives, Sri lanka, World news

FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 12:52 IST

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