Rajasthan

पोकरण की रेड पॉटरी से सजेंगे त्योहार, करवा चौथ व दीपावली की तैयारियां शुरू 

जैसलमेर: राजस्थान के पोकरण क्षेत्र की पारंपरिक रेड पॉटरी देशभर में फेमस है. यह कला सालों से यहां के कारीगरों द्वारा संजोई गई है, जो मिट्टी और हाथों के अद्भुत सामंजस्य से तैयार की जाती है. इस पॉटरी का गहरा लाल रंग और पारंपरिक शिल्पकला न केवल घरेलू उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में भी इसका विशेष महत्व है.

त्योहारों की तैयारीपोकरण के कारीगर करवा चौथ और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के लिए विशेष रूप से दीपक और करवे बनाने में व्यस्त हैं. 60 वर्षीय किशनाराम, जो मिट्टी से बर्तन बनाने वाले कारीगर हैं, उन्होंने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया, “पिछले एक महीने से करवा बनाने में लगे हुए हैं. वर्तमान में, वे दिन में 8 घंटे चाक पर बैठकर काम कर रहे हैं.” किशनाराम कुम्हार अपने बनाये करवे जोधपुर के विक्रेताओं को बेचते हैं. वह थोक विक्रेता हैं और एक करवे की कीमत 3 रुपए रखते हैं.

दीपावली की रौनकपोकरण के एक अन्य कारीगर, मांगीलाल कुम्हार, दीपावली के लिए दीपक बनाने में व्यस्त हैं. करवा चौथ पर महिलाएं करवे का विशेष इस्तेमाल करती हैं, जबकि दीपावली पर घरों को रोशन करने के लिए पारंपरिक दीपकों की मांग रहती है. इन त्योहारों के दौरान, पोकरण की रेड पॉटरी के उत्पादों की मांग बढ़ जाती है, जिससे कारीगर अपनी कला को नए स्वरूपों में ढालते हैं.

कला की खासियतपोकरण की रेड पॉटरी की सबसे बड़ी खासियत इसकी मिट्टी और रंग हैं, जिन्हें खास तरीके से तैयार किया जाता है. मिट्टी को अच्छे से छानने और साफ करने के बाद, इसे विशेष तकनीकों से आकार दिया जाता है. कच्ची धूप में सुखाने के बाद, इन वस्तुओं को पारंपरिक भट्टियों में पकाया जाता है, जिससे इनमें गहरा लाल रंग उभरता है. मांग के अनुसार करवा और दीपक, जिन्हें हाथ से आकार दिया जाता है, उन पर बारीक नक्काशी और चित्रकारी की जाती है, जो इन्हें और भी आकर्षक बनाती है.

आधुनिक चुनौतियों के बावजूद समर्पणइन कलाकारों के लिए त्योहारों का समय सुनहरा अवसर होता है, क्योंकि इस समय उनके उत्पादों की अधिक बिक्री होती है. हालांकि, आधुनिक युग में प्लास्टिक और अन्य कृत्रिम सामग्रियों के बढ़ते उपयोग से इन पारंपरिक शिल्पकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. फिर भी, पोकरण के कारीगर अपने काम के प्रति समर्पित हैं और वे अपनी कला को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ा रहे हैं.

उत्सवों में खुशी की उम्मीदइस बार भी दीपावली और करवा चौथ के मद्देनजर, पोकरण के कारीगरों को उम्मीद है कि उनके पॉटरी के उत्पादों को लोग बड़े उत्साह से खरीदेंगे और ये त्योहार उनके जीवन में खुशियों का संचार करेंगे

Tags: Jaisalmer news, Local18, Rajasthan news, Special Project

FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 15:13 IST

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