Profit from Vegetables Farming in India

Last Updated:October 11, 2025, 16:54 IST
Farming Tips: किसान भाई अगर पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया करने की सोच रहे हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो साग की खेती एक बेहतरीन विकल्प है. ये फसलें कम समय में तैयार हो जाती हैं, बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है और लागत कम होने के कारण मुनाफा अच्छा होता है.
किसान भाई अगर पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया करने की सोच रहे हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो साग की खेती एक बेहतरीन विकल्प है. ये फसलें कम समय में तैयार हो जाती हैं, बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है और लागत कम होने के कारण मुनाफा अच्छा होता है.
पालक (Spinach) में आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए इसकी डिमांड हमेशा रहती है. यह ठंड और गर्मी दोनों मौसम में उगाया जा सकता है. बुवाई का समय सितंबर से नवंबर अच्छा माना जाता है. बुवाई के लगभग 30-45 दिन बाद पहली कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. एक एकड़ में लगभग 50-60 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है. बाजार में कीमत के हिसाब से 50,000 से 80,000 रुपये तक है.
मेथी (Fenugreek) के पत्ते और दाने दोनों की बाजार में अलग-अलग जगह मांग है. यह फसल बहुत कम देखभाल में तैयार हो जाती है. बुवाई का समय अक्टूबर से नवंबर सही है. इसकी लगभग 25-30 दिन में पत्तियों की कटाई शुरू की जा सकती है. एक एकड़ से 40-50 क्विंटल हरी मेथी मिलती है. ताजी मेथी और सूखे बीज दोनों को बेचकर 60,000 रुपये तक का अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.
चौलाई का साग (Amaranthus) पोषक तत्वों से भरपूर है और इसे कम पानी वाली स्थिति में भी उगाया जा सकता है. यह तेजी से बढ़ने वाली फसल है. एक एकड़ में लगभग 60-70 क्विंटल उत्पादन होता है और कम लागत में अच्छी उपज मिलती है.
धनिया (Coriander) हर घर की रसोई की जरूरत है, इसलिए इसका बाजार कभी ठंडा नहीं पड़ता. इसकी खेती छोटे खेतों या गमलों में भी की जा सकती है. यह 30 दिन में हरी पत्ती देने लगता है. एक एकड़ से 50-60 क्विंटल हरा धनिया प्राप्त हो सकता है.
सरसों का साग (Mustard Greens) उत्तरी भारत में सर्दियों में सरसों के साग की भारी मांग रहती है. इसकी खेती दाने के लिए भी की जाती है, लेकिन साग के लिए यह जल्दी तैयार हो जाती है. एक एकड़ से 60-80 क्विंटल तक हरा साग मिल सकता है. सीजन में इसकी अच्छी कीमत मिलती है और 80,000 रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है.
बथुआ (Lamb’s Quarters) एक पारंपरिक साग है जो खुद-ब-खुद भी उग आता है, लेकिन इसकी व्यावसायिक खेती बहुत फायदेमंद है. इसकी सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है.
First Published :
October 11, 2025, 16:54 IST
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