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Last Updated:October 31, 2025, 16:26 IST

Phoolon Ki Kheti Tips: किसानों के लिए खुशखबरी! अब कम मेहनत में भी मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस खुशबूदार फूल की खेती ने गांव-गांव में पहचान बनाई है. इसकी मांग न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. किसान पारंपरिक फसलों को छोड़ अब इस फूल की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.bhilwara

भीलवाड़ा: भीलवाड़ा के किसान अगर फूलों की खेती करने का मानस बना रहे हैं. फूलों की खेती कर सकतें हैं जिसकी डिमांड भी अच्छी रहती हैं और फायदे भी मिलता हैं. किसानों के लिए कम मेहनत और अधिक मुनाफे का गैलार्डिया फूल एक नया ऑप्शन बन रहा है. जिसे आमतौर पर कम्बल फूल या नवरंगा के नाम से जाना जाता है. यह पौधा अपनी चमकदार रंगत, लंबे समय तक खिलने की क्षमता और कम पानी में भी बेहतर उत्पादन के कारण किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

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अगर किसान इसकी खेती का मूड बना रहें हैं तो गैलार्डिया की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सर्वोत्तम मानी जाती है. 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसकी वृद्धि के लिए आदर्श है. यह फूल हल्की, दोमट या कम उपजाऊ मिट्टी में भी अच्छी तरह उगाया जा सकता है, बशर्ते मिट्टी में पानी का जमाव न हो. काली या अधिक चिकनी मिट्टी में जड़ों के सड़ने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए किसानों को ऐसी मिट्टी से बचना चाहिए.

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सिंचाई के मामले में यह पौधा काफी किफायती है. सर्दियों में हर 12 से 15 दिन और गर्मियों में 4 से 7 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई पर्याप्त होती है. अत्यधिक सिंचाई से जड़ सड़न की समस्या आ सकती है, इसलिए खेत की नमी पर विशेष ध्यान देना जरूरी है.

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निराई-गुड़ाई और खाद प्रबंधन भी इस फसल में आसान रहता है. गैलार्डिया को विशेष रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती. खेत की तैयारी के समय गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करना लाभदायक होता है. फूल आने से पहले थोड़ी मात्रा में जैविक उर्वरक देने से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है. साथ ही दो से तीन बार निराई-गुड़ाई कर खरपतवार पर नियंत्रण रखा जा सकता है.

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फूलों की तुड़ाई और बाजार में मांग को देखते हुए यह फसल व्यावसायिक दृष्टि से काफी लाभदायक है. फूलों को नियमित तोड़ते रहने से पौधों में नए फूल लगातार आते रहते हैं और यह लंबी अवधि तक खिलते रहते हैं. बाजार में इन फूलों की मांग पूजा-पाठ, शादी समारोहों, सजावट और पुष्पगुच्छों के लिए लगातार बनी रहती है.

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गैलार्डिया की प्रमुख किस्मों में गैलार्डिया गेबलीन, बरगंडी कम्बल फूल और गैलार्डिया सनसेट पॉपी शामिल हैं. प्रति हेक्टेयर लगभग 500 से 600 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं. बीजों को अंकुरित करने के लिए हल्की रोशनी आवश्यक होती है, इसलिए इन्हें मिट्टी की ऊपरी सतह पर हल्का-सा दबाकर बोना चाहिए. सही देखभाल के साथ यह पौधा कम मेहनत में अधिक फूल और मुनाफा दोनों देने में सक्षम है.

First Published :

October 31, 2025, 16:26 IST

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मिट्टी में छुपा सोना! इस फूल की खेती कर किसान छोड़ रहे बाकी फसलें

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