Public Opinion : इसी भरोसे देखते हैं लाखों सपने, लेकिन अब तो… पानी में बह गई फसल, किसानों का छलका दर्द!

Last Updated:October 15, 2025, 19:59 IST
Pali News: पाली और जोधपुर में बिन मौसम बारिश से मूंग, बाजरा, तिल, मोठ की फसलें बर्बाद हुईं. किसान भजनलाल शर्मा से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, आगे की खेती की तैयारी मुश्किल है.
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पाली. राजस्थान में बिन मौसम की बारिश ने किसानों की स्थिति को बेहद खराब कर दिया है. पाली और जोधपुर जिले में हुई इस बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है और वे अभी तक इससे उबर नहीं पाए हैं. कहते हैं जब राम रूठ जाए तो एक आस किसानों की उम्मीद में बनी रहती है, ऐसे में किसानों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है.
बिन मौसम हुई बारिश के कारण खेत में काटकर रखी फसल पानी में बह गई. पाली के सोजत से लेकर लूणी क्षेत्र के धुंधाड़ा, फिंच सहित कई गांवों में फसल खराब होने से किसानों को नुकसान हुआ है. लोकल-18 से बातचीत में किसानों ने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार जल्द फसलों की गिरदावरी करें और समय पर मुआवजा राशि दिलाएं ताकि वे आगे की फसल योजना बना सकें.
मूंग, बाजरा और मोठ सहित कई फसलें बर्बादकिसान मालाराम ने लोकल-18 को बताया कि बारिश की अधिकता से सभी फसलें नष्ट हो गई हैं. किसान बुरी तरह टूट चुके हैं. अभी तक फसलों की गिरदावरी के लिए कोई अधिकारी नहीं आया. मूंग, बाजरा, तिल, मोठ और जवार की फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. फसल बीमा तक नहीं मिल रहा. फसल पानी में बह गई है और किसान इस नुकसान से परेशान हैं.
पानी में बह गए किसानों के सपनेकिसान दिनेश सारस्वत ने कहा कि फसल बोने के बाद किसान यह सोचता है कि इस बार अच्छी फसल होगी, घर बनाएंगे और बच्चों की शादी करेंगे. लाखों सपने किसान देखता है, लेकिन जब फसल बर्बाद हो जाती है तो किसान की कमर टूट जाती है. सरकार को अब इस ओर ध्यान देना चाहिए. किसानों के हित को देखते हुए प्रत्येक किसान को मुआवजा दिया जाना चाहिए. मूंग, तिल, ग्वार और बाजरा जैसी फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. आर्थिक पैकेज के जरिए सरकार को किसानों को मजबूती के साथ दूसरी खेती करने में मदद करनी चाहिए.
रबी फसलों की तैयारी की समस्याकिसान अनिल ने बताया कि उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं और खराब फसलों के बाद रबी की फसल के लिए बीज और लागत का इंतजाम मुश्किल हो गया है. सरकार से आग्रह है कि पटवारी और तहसीलदार फसल गिरदावरी करें और बजट पास कर मुआवजा समय पर दिलाएं, ताकि किसान इस नुकसान से उबर सके और दूसरी फसल की तैयारी कर सके. फिलहाल किसान इस मुश्किल दौर में आगे की खेती के लिए सोच भी नहीं पा रहे हैं.
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
First Published :
October 15, 2025, 19:59 IST
homerajasthan
इसी भरोसे देखते हैं सपने, लेकिन अब… पानी में बही फसल, किसानों का छलका दर्द!