Pulwama martyrs veerangana reached Sachin Pilot house Said Ashok Gehlot government is not listening to us
हाइलाइट्स
सात दिन से जयपुर में धरना दे रही हैं ये वीरांगनाएं
सचिन ने वीरांगनाओं को खाना खिलाया और फिर बात की
पायलट ने कहा कि इच्छाशक्ति हो तो किसी भी बात का समाधान निकल सकता है
जयपुर. राजधानी जयपुर में पिछले 7 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही पुलवामा शहीद (Pulwama Martyr) की वीरांगनाएं सोमवार को रोते हुई कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के घर पहुंचीं. पायलट ने वीरांगनाओं के आंसू पोंछे और खाना खिलाकर उनकी बात सुनी. इसके बाद पायलट ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे लिए शहादत दी उनकी वीरांगनाओं की अगर कोई मांग नियमों के तहत पूरी नहीं हो रही है तो प्रावधान को बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि हर चीज का समाधान निकल सकता है. सरकार चाहे और अगर उसकी इच्छा शक्ति हो तो समाधान निकाला जा सकता है.
पायलट ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों ने वीरांगनाओं के साथ अभद्रता की है वह निंदनीय है. शहीद वीरांगनाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वीरांगनाओं ने रोते हुए सचिन पायलट से कहा आप ही हमें न्याय दिला सकते हैं. हमारी मुलाकात सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से करवाओ. सरकार हमारी सुन नहीं रही है.
विधानसभा पर धरना दिया था लेकिन पुलिस ने हटा दिया था
पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाएं मंजू जाट पत्नी शहीद रोहिताश लांबा, मधुबाला मीणा पत्नी शहीद हेमराज मीणा और सुंदरी देवी पत्नी शहीद जीतराम गुर्जर पिछले 7 दिनों से परिजनों और राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ शहीद स्मारक पर धरना दे रही हैं. पहले इन्होंने विधानसभा पर धरना दिया था. लेकिन वहां से पुलिस ने इनको हटा दिया.
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वीरांगनाएं बोलीं पुलिस ने घसीटा और बाल खींचे
उसके बाद वीरांगनाएं राजभवन राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने गई. वहां से उन्होंने सीएमआर की ओर जाने का प्रयास किया. इस पर पुलिस ने उनको रोका और वहां से जीप में डालकर शहीद स्मारक पर ले जाकर छोड़ दिया. वीरांगनाओं ने आरोप लगाया कि इस दौरान पुलिस ने उन्हें घसीटा. उनके बाल खींचे और मारपीट की. इससे वीरांगना मंजू जाट की तबीयत बिगड़ गई और उनको एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सरकार ने कहा पैकेज दे दिया है, जो मांग रही हैं वह नियमों में नहीं है
इस पूरे घटनाक्रम के बाद रविवार रात सरकार ने एक बयान जारी किया था. उसमें सरकार ने कहा कि हमने पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं को कारगिल शहीद के बराबर का पैकेज दिया है. इसमें 50 लाख रुपये (25 लाख नगद और 25 बीघा जमीन अथवा हाउसिंग बोर्ड का एक मकान) और शहीद के माता पिता को 5 लाख की एफडी दी गई ताकि उनको मासिक आय होती रहे. इसके साथ ही शहीद की वीरांगना को सरकारी नौकरी अगर वह नहीं चाहे तो अपने पुत्र पुत्री के लिए सुरक्षित रख सकती हैं. शहीद की याद को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए सरकारी स्कूल में अन्य किसी राज्य संस्थान का नाम उसके नाम से करने का प्रावधान है. शहीद के माता-पिता और वीरांगनाओं को राजस्थान रोडवेज में फ्री पास की सुविधा दी गई है.
सरकार ने कहा मांगें न्यायोचित नहीं है
सरकार का कहना है कि वीरांगनाओं को यह पूरा पैकेज दे दिया गया है. वीरांगना मंजू जाट और सुंदरी देवी ने अपने पुत्र व पुत्री के लिए सरकारी नौकरी सुरक्षित रखी थी. लेकिन अब वे चाहती हैं कि उनके देवर को यह सरकारी नौकरी दी जाए जो कि नियमों में नहीं है. शहीद हेमराज मीणा के मूर्ति दो जगह पर लग चुकी है. वीरांगना मधुबाला मिलना चाहती है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए जो कि न्यायोचित नहीं है.
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Tags: Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Pulwama attack, Rajasthan news, Sachin pilot
FIRST PUBLISHED : March 06, 2023, 16:17 IST