कोरोना की चुनौतियों के बीच रेलवे का माल लदान में वर्चस्व, तोड़ डाले पिछले सभी रिकॉर्ड! | Railway’s dominance in freight loading amidst Corona’s challenges, shattering all previous records!

नई दिल्ली. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 11 मार्च 2021 को भारतीय रेल (Indian Rail) ने पिछले साल की कुल संचयी माल ढुलाई (Cumulative Freight) के आंकड़े को पार कर लिया है.
11 मार्च 2021 को भारतीय रेल की संचयी माल ढुलाई 1145.68 मिलियन टन थी, जो पिछले वर्ष की कुल संचयी लोडिंग (1145.61 मिलियन टन) से अधिक है.
मार्च 2021 के यह आंकड़े माल लोडिंग और गति के मामले में तेजी को दर्शाते हैं. साथ ही भारतीय रेल किस गति से कार्य कर रही है, इसे भी प्रदर्शित करते हैं.
11 मार्च 2021 तक मासिक आधार पर, भारतीय रेल का लोड 43.43 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (39.33 मिलियन टन) की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है.
11 मार्च, 2021 को दैनिक आधार पर, भारतीय रेल का माल लोडिंग 4.07 मिलियन टन था, जो पिछले साल की इसी तारीख (3.03 मिलियन टन) की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.
मार्च 2021 के महीने में 11 मार्च तक मालगाड़ियों की औसत गति 45.49 किमी प्रति घंटे थी जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (23.29 किमी प्रति घंटे) की तुलना में लगभग दोगुनी है.
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल मालगाड़ियों की आवाजाही को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई रियायतें और छूट भी दे रही है. जोन और डिवीजनों में व्यवसाय विकास इकाइयों काे मजबूत बनाने, उद्योगों और लॉजिस्टिक सेवाएं (Logistics Services) देने वाले ग्राहकों से निरंतर संवाद और तेज गति आदि से भारतीय रेल का माल ढुलाई काफी तेजी से विकसित हो रहा है.
इस तथ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि कोविड महामारी का उपयोग भारतीय रेल द्वारा अपनी सर्वांगीण क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करने के अवसर के रूप में किया गया है.



