Raised Demand To Get Rid Of Water Logging Problem – जलभराव की समस्या से निजात की उठाई मांग

बीते कई साल से अजमेर रोड, कमला नेहरु नगर सहित आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले बांशिदों को बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है।

जयपुर। बीते कई साल से अजमेर रोड, कमला नेहरु नगर सहित आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले बांशिदों को बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। जलभराव की समस्या के निस्तारण के लिए जेडीए ड्रेनेज लाइन बनाने को तैयार है। लेकिन एनएचएआई ड्रेनेज लाइन बनाने के लिए अजमेर रोड काटने की अनुमति नहीं दे रहा। उक्त मामले को लेकर स्थानीय बांशिदों ने इसका विरोध किया है।
जानकारी के मुताबिक कनक विहार, कमला नेहरु नगर, अजमेर रोड सहित आस-पास की कॉलोनियों में पानी की निकासी के लिए 2012 में नालियां बनाई गई थी, लेकिन कॉलोनी से पानी को बाहर निकालने को लेकर उचित व्यवस्था नहीं है। इस कारण जेडीए यहां के पानी की निकासी के लिए एक ड्रेनेज लाइन बनाना चाहता है। ताकी यहां का पानी गोपालपुरा में बन रही मुख्य ड्रेनेज लाइन के माध्यम से नेवटा बांध में चला जाए और लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिले। जेडीए के इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों के मुताबिक ड्रेनेज लाइन बनाने के लिए एनएचएआई अजमेर रोड काटने की अनुमति नहीं दे रहा। इसके लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है। एनएचएआई सड़क से दो मीटर नीचे एचडीडी लाइन डालने की बात कह रहा है जो कि पानी की निकासी और जमीन के लेवल के हिसाब से उचित नहीं बैठती है।
नहीं बन पा रही सहमति
कॉलोनियों के पानी को मुख्य ड्रेनेज लाइन से जोडऩे के लिए अजमेर रोड को काट कर एक दूसरी ड्रेनेज लाइन बनाई जाएगी। 60 मीटर लम्बी इस ड्रेनेज लाइन पर लगभग 25 लाख लाख रुपए पर खर्च आएगा। जेडीए ने एनएचएआई से जब अजमेर रोड काटने की अनुमति के लिए पत्र लिखा तो एनएचएआई ने एचडीडी लाइन डालने का जेडीए को सुझाव दिया। ताकि यातायात बाधित भी ना हो और काम भी हो जाए। लेकिन जेडीए ने इस प्रक्रिया को ड्रेनेज के हिसाब से उचित नहीं माना। एनएचएआई ने जेडीए को तीन मीटर नीचे एचडीडी लाइन डालने के लिए जो जमीनी स्तर के हिसाब से सही नहीं है।