Rajasthan: राजनीतिक घेराबंदी तोड़ने में जुटीं वसुधरा राजे, इस खास रणनीति से वापसी की कोशिश
जयपुर. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे (Raj Former CM Vasundhara Raj) फिर चर्चा में हैं. हाल ही में राजे ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से तीन साल बाद वन टू वन मुलाकात की थी. इसके बाद अब राजे ने बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष (bjp national general secretary BL Santoshi) से भी मुलाकात की है. बता दें कि बीते कुछ दिनों से राजे लगातार सक्रिय बनी हुई हैं. वे पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात कर रही हैं. उतराखंड औऱ यूपी के सीएम (UP CM Oath) के शपथ कार्यक्रम में भी शामिल हुईं. राजे की पीएम से मुलाकात की राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा है. माना जा रहा है कि राजे की चर्चा का ताल्लुक राजस्थान में अगले चुनाव (Rajsthan Vidhansabha Chunav) से पहले अपनी भूमिका की तलाश को लेकर है. 2018 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद से अलग थलग रहीं राजे पिछले तीन महीने से जनसंपर्क अभियान में जुटी हुई हैं. जनता से लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं की नब्ज टटोल रही हैं.
राजे का एक अभियान है जनता, अपने समर्थक नेताओं -कार्यकर्ताओं के साथ संवाद. इस अभियान की कड़ी में राजे ने सबसे पहले देवददर्शन यात्रा की और कोरोना काल में दिवगंत हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के घर जाकर शोक व्यक्त करने को जनसंपर्क का जरिया बनाया. मेवाड़ से लेकर ढूंढाड़ और हा़ड़ौती में मंदिर दर्शन के जरिये अपनी टीम को राजे ने फिर जिंदा कर दिया है. आम लोगों के बीच अपनी छवि को भी टटोल लिया है.
पूरी तैयारी के साथ किए दौरे
बता दें कि राजे ने पार्टी के दिवंगत नेताओं-कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर संवेदना व्यक्त की. जहां भी गईं अकेले नहीं..पूरी तैयारी के साथ गईं. राजे भले ही शोक व्यक्त (Raje Shakti Pradarshan) करने गईं या मंदिर दर्शन करने. राजे की टीम ने राजे की हर यात्रा की कई दिन तक पूरी तैयारी की जिससे रेस्पोंस मिले. फोन कर समर्थकों को मौके पर तैनात किया गया. भीड़ के लाने के इंतजाम भी होते रहे. इस अभियान के पहले चरण का अंतिम पड़ाव था आठ मार्च को जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन.
बूंदी में जुटी भीड़ ने दिया ताकत का संदेश
बूंदी के केशोरायपाटन में भीड़ और विधायक जुटाने में कामयाबी मिल गई. पार्टी हाईकमान को जमीनी, सिसायी और पार्टी के अंदर ताकत का संदेश दे दिया. जब पहली बार मुख्यमंत्री (Raje shakti Pradarshan) बनी 2003 से लेकर अब तक राजे जब भी संकट में आई या कुर्सी को खतरा रहा. या फिर पार्टी ने 2013 मे फिर सीएम बनाने में आनाकानी की तो राजे ने शक्ति प्रदर्शन के इसी कार्ड का इस्तेमाल किया औऱ सफल हुईं. लेकिन इस बार राजे का ये ट्रंप कार्ड खास काम नहीं कर रहा है. उनके शक्ति प्रदर्शन या नाराजगी को पार्टी ने अधिक तव्वजो नहीं दी.
अब राजे ने गियर बदला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत संघ में कुछ वरिष्ठ प्रचारकों से अपने रिश्ते ठीक करने की दिशा में वन कप टी डिप्लोमेसी पर काम शुरु कर दिया.
पीएम से मुलकात के लिए लंबी जद्दोजहद
लगातार वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकातों के बाद माना जा रहा है कि राजे (Vasundhara Raje Meeting with senior leaders) ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. कयास यह भी हैं कि उनका मकसद है कि सबकुछ ठीक हो जाए तो फिर राजस्थान में अपनी भूमिका की राहें के रोड़े दूर कर सके. लेकिन इस दफा बात मुलाकात वन कप टी औऱ तस्वीरों से बात आसानी से बनने नहीं वाली है. राजस्थान में राजे के सामानंतर न सिर्फ सीएम फेस (Rajsthan BJP CM Face) के कई चेहरे खड़े कर दिए, बल्कि इन नेताओं का कद बढाकर और संगठन को मजबूत कर हाईकमान राजे के सामने हर दिन चुन्नौती कड़ी करता जा रहा है. गौरतलब है कि हाल ही में राजे ने पीएम मोदी (PM Modi Meeting With Raje) से भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा था.
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