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Rajasthan : AK-47, बुलेटप्रूफ जैकेट और खौफ का साम्राज्य… आनंदपाल का वो सच जो आज तक नहीं सुलझा!

Last Updated:November 13, 2025, 20:30 IST

Anand Pal Encounter Case : राजस्थान के चर्चित आनंदपाल एनकाउंटर केस में जोधपुर कोर्ट ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. इस फैसले से एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है. आनंदपाल राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर था, जिस पर हत्या, जबरन वसूली और फरारी के 50 से अधिक मामले दर्ज थे. इस पूरे लेख में जानें कहानी कुख्यात अपराधी आनंदपाल की.

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AK-47, बुलेटप्रूफ जैकेट और खौफ का मंजर... आनंदपाल का वो सच जो कभी नहीं सुलझा!

जोधपुर. राजस्थान के बहुचर्चित आनंदपाल एनकाउंटर केस में जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया. अदालत ने एनकाउंटर में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट द्वारा लिए गए प्रसंज्ञान को निरस्त करते हुए कहा कि आनंदपाल को लगी गोली आत्मरक्षा में चली थी.

कोर्ट ने माना कि पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे और आनंदपाल की ओर से खतरा होने पर फायरिंग करना अपराध नहीं माना जा सकता. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज अजय कुमार शर्मा की अदालत ने यह फैसला सुनाया, जिससे सभी आरोपी अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है.

कौन था आनंदपाल: आतंक और अपराध का कुख्यात नाम
आनंदपाल सिंह राजस्थान का सबसे कुख्यात गैंगस्टर था, जिस पर हत्या, डकैती और जबरन वसूली के 50 से अधिक मामले दर्ज थे. उस पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था. उसका अपराधी सफर 2006 में डीडवाना के जीवनराम गोदारा की हत्या से शुरू हुआ था. इसके बाद उसने कई गैंगवार किए, जिनमें राजू ठेहट गिरोह के साथ खूनी टकराव शामिल था. 2014 में उसने अजमेर जेल में अपने साथी बलबीर बानुड़ा की हत्या कर दी थी. सितंबर 2015 में वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया, जिससे राजस्थान पुलिस की किरकिरी हुई. उसके पास AK-47 राइफलें, बुलेटप्रूफ जैकेट और निजी फार्महाउस में टॉर्चर रूम तक थे. जयपुर से लेकर मकराना तक उसकी बेनामी संपत्तियां थीं और वह जबरन वसूली का नेटवर्क चलाता था.

एनकाउंटर और विवाद: 2017 में खत्म हुआ था आनंदपाल का सफर24 जून 2017 को राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने चूरू जिले के मालासर गांव में मुठभेड़ में आनंदपाल को मार गिराया था. पुलिस का दावा था कि फायरिंग आत्मरक्षा में हुई, जबकि आनंदपाल के परिवार और राजपूत समाज के एक वर्ग ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया. विरोध प्रदर्शनों के चलते मामला सीबीआई को सौंपा गया. अब अदालत ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई ड्यूटी के दौरान आत्मरक्षा का हिस्सा थी और इसे अपराध नहीं माना जा सकता.

राजकंवर करेंगी हाईकोर्ट में अपीलआनंदपाल की पत्नी राजकंवर के वकील भंवरसिंह ने बताया कि वे इस फैसले से असहमत हैं और राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे. उनका कहना है कि यह एनकाउंटर फर्जी था और मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए. यह फैसला राजस्थान के सबसे चर्चित एनकाउंटर केस को नई कानूनी दिशा दे सकता है और आने वाले दिनों में हाईकोर्ट का रुख इस पर निर्णायक साबित होगा.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

November 13, 2025, 20:13 IST

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