Rajasthan

मंत्रियों और विधायकों की पसंद बनकर उभर रहे हैं प्रमोटी आईएएस । Inside story-CM Gehlot-Ministers and MLAs why like Promoter IAS– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान में सीधी भर्ती की अपेक्षा प्रमोटी आईएएस ऑफिसर (Promotional IAS Officer) सीएम अशोक गहलोत से लेकर मंत्रियों और विधायकों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं. प्रदेश के 33 जिलों में से 9 जिलों की कमान प्रमोटी आईएएस अफसरों के हाथ में है. गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने मौजूदा आईएएस अफसरों की सूची में प्रमोटी आईएएस अफसरों के प्रति ज्यादा भरोसा दिखाया है. यहां तक कि राजधानी जयपुर की कमान भी सरकार ने प्रमोटी आईएएस अंतर सिंह नेहरा को दे रखी है. इससे पहले भी सरकार ने जयपुर की कमान प्रमोटी आईएएस जगरूप सिंह यादव को दी थी. यादव के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रमोटी आईएएस अंतर सिंह नेहरा को जयपुर का कलेक्टर बनाया गया.

गहलोत सरकार में प्रमोटी आईएएस अधिकारियों को जिलों की कमान सौपना ब्यूरोक्रेसी में बदलाव का यह नया रूप है. प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के प्रति सरकार के भरोसे के पीछे सबसे बड़ी वजह है उनका ‘एटीट्यूड’. नए आईएएस अधिकारी स्टेट फॉरवार्ड होते हैं. जबकि प्रमोटी आईएस मध्यममार्गी होते हैं. यही वजह है कि प्रमोटी आईएएस अफसर नेताओं की पहली पसंद बने हुए हैं.

जानिये क्यों बन रहे हैं प्रमोटी IAS माननीयों की पसंद

– सीधी भर्ती वाले IAS ऑफिसर अपने ज्ञान और एटीट्यूड को सामने वाले से ज्यादा आंकते हैं.

– वे सामने वाले पर हावी होने की कोशिश करते हैं.

– प्रमोटी IAS अनुभव लिए होते हैं. उनके सभी तरह के हालात देखे हुए होते हैं.

– वे सारी प्रक्रिया से गुजरे हुये होते हैं. उन्हें पता होता है कि जनप्रतिनिधि का नेचर कैसा है.

– लिहाजा प्रमोटी IAS माननीयों से मिलकर चलते हैं. जबकि नये आईएएस ऑफिसर अग्रेसिव ज्यादा होते हैं.

– नए IAS नेताओं को तवज्जो कम देते हैं. वे अपने ज्ञान और नॉलेज के आधार पर चलते हैं.

– जबकि प्रमोटी आईएएस अपने अनुभव के आधार पर चलते हैं.

– प्रमोटी IAS ऐसा कोई जोखिम नहीं उठाते जिससे जनप्रतिनिधि नाराज हो जाए.

– प्रमोटी IAS देखता है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में नेताओं को कैसे खुश रखा जाए.

– सरकार की योजनाओं को क्रियान्वयन में प्रमोटी आईएएस का अनुभव काम देता है.

– जबकि सीधी भर्ती के आईएएस अफसर अपने ‘ज्ञान’ और ‘एटीट्यूड’ के चलते जनप्रतिनिधियों पर भारी होने का प्रयास करते हैं.

– प्रमोटी आईएएस अफसर अपने अनुभव के आधार पर जनप्रतिनिधियों के बीच सामंजस्य बैठाने में सफल रहते हैं.

जिले और उनमें लगे प्रमोटी आईएएस

– चूरू कलेक्टर- सांवरमल वर्मा

– चित्तौड़गढ़ कलेक्टर- ताराचंद मीना

– झालावाड़ कलेक्टर- हरिमोहन मीना

– श्रीगंगानगर कलेक्टर- जाकिर हुसैन

– झुंझुनू कलेक्टर- यूडी खान

– उदयपुर कलेक्टर- चेतनराम देवड़ा

– प्रतापगढ़ कलेक्टर- रेणु जयपाल

– अलवर कलेक्टर- नन्नूमल पहाड़िया

– जयपुर कलेक्टर- अंतर सिंह नेहरा

सीएम की पहली पसंद प्रमोटी आईएएस

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई सार्वजनिक मंचों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कामकाज की तारीफ करते रहे हैं. आरएएस से आईएएस बने अफसरों का जुड़ाव सीधे जनता से रहता है. राज्य सरकार का मानना है कि प्रमोटी आईएएस को फील्ड की जानकारी सीधी भर्ती वाले अफसरों की तुलना में ज्यादा रहती है. वे आमजन की समस्याओं का समाधान त्वरित गति से करते हैं. जबकि सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों की स्थानीय मुद्दों पर उतनी मजबूत पकड़ नहीं होती.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj