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Rajasthan Assembly Election Results: Voters Had More Influence Towards Narendra Modi In Rajasthan | गहलोत की ‘राहत’ पर भारी पड़ी मोदी की ‘चाहत’

locationजयपुरPublished: Dec 04, 2023 04:52:20 pm

राजस्थान विधानसभा चुनावों के रविवार को घोषित नतीजों से एक बात स्पष्ट हो गई कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राहत की घोषणाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मतदाताओं की चाहत भारी पड़ी।

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दौलत सिंह चौहान
राजस्थान विधानसभा चुनावों के रविवार को घोषित नतीजों से एक बात स्पष्ट हो गई कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राहत की घोषणाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मतदाताओं की चाहत भारी पड़ी। चुनाव तो दोनों पार्टियों के बीच लड़ा गया लेकिन असल में यह गहलोत बनाम मोदी हो गया। दोनों ने अपने-अपने दलों की ओर से सबसे ज्यादा चुनावी यात्राएं की, सबसे ज्यादा सभाएं संबोधित की और दोनों ने मुख्य रूप से एक-दूसरे को निशाने पर रखा। मोदी के प्रति राजस्थान की जनता की दीवानगी नई नहीं है, लोकसभा के 2014 और 2019 के लगातार दो चुनाव में राजस्थान की पूरी पच्चीस की पच्चीस सीटें भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ मोदी के नाम पर दी। राजस्थान का मतदाता इस बात पर पूरी तरह स्पष्ट है कि देश में सरकार चलाने के लिए मोदी का फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। लेकिन राजस्थान के मामले में मतदाताओं को भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं पर मोदी जैसा विश्वास नहीं है। इसी कारण भाजपा 2018 के चुनाव में 73 सीटों पर अटक गई थी। इस बार भी यदि भाजपा सत्ता के द्वार पर पहुंची है तो कोई प्रदेश स्तरीय नेता इसके श्रेय पर दावा करने की स्थिति में नहीं है। इस बार के पूरे चुनाव प्रचार अभियान पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट है कि भाजपा की तरफ से पीएम मोदी ने पूरा चुनाव अपने स्तर पर और कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने स्तर पर लड़ा। इन दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में सबसे लंबी यात्राएं की और सबसे ज्यादा सभाओं को संबोधित किया। ऐसा नहीं है कि दोनों तरफ से इन दोनों नेताओं के अलावा नेता नहीं आए, लेकिन जो भीड़ मोदी की सभाओं और रैलियों में दिखी वह भाजपा के अन्य नेता की सभाओं में नहीं दिखी। इसी तरह गहलोत जितना आकर्षण खासकर ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस के अन्य नेताओं का नजर नहीं आया।

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