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Rajasthan Budget 2023..rajasthan budget 2023 latest Updates | Rajasthan Budget 2023- बाघों के लिए विकसित होगा इको सिस्टम

locationजयपुरPublished: Feb 10, 2023 09:29:47 pm

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर इको सिस्टम उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार टाइगर रिजर्व और आसपास के क्षेत्रों में कार्य करेगी। यह घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की। उन्होंने कहा कि बाघों को बेहतर इको सिस्टम उपलब्ध करवाने के लिए टाइगर रिजर्व जैसे रणथंभौर, रामगढ़ विषधारी, मुकुंदरा हिल्स, सरिस्का और आसपास के क्षेत्रों जैसे बीड़ दौलतपुरा व रूंधशाहपुरा में कार्य करवाए जाएंगे।

Rajasthan Budget 2023- बाघों के लिए विकसित होगा इको सिस्टम

Rajasthan Budget 2023- बाघों के लिए विकसित होगा इको सिस्टम

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों को बेहतर इको सिस्टम उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार टाइगर रिजर्व और आसपास के क्षेत्रों में कार्य करेगी। यह घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की। उन्होंने कहा कि बाघों को बेहतर इको सिस्टम उपलब्ध करवाने के लिए टाइगर रिजर्व जैसे रणथंभौर, रामगढ़ विषधारी, मुकुंदरा हिल्स, सरिस्का और आसपास के क्षेत्रों जैसे बीड़ दौलतपुरा व रूंधशाहपुरा में कार्य करवाए जाएंगे। लेपर्ड कन्जर्वेशन के लिए खेतड़ी बांसियाल, मनसा माता, शाकंभरी , जयसमंद, उदयपुर, बारां, जयपुर, राजसमंद में काम होंगे। पालीघाट में घडिय़ाल, खींचन में कुर्जा और राष्ट्रीय मरू उद्यान में गोडावण संरक्षण के कार्य होंगे।
राजस्थान बनेगा हरित प्रदेश
राज्य सरकार राजस्थान को हरित प्रदेश बनाने के लिए राजस्थान ग्रीन एंड बिल्डिंग मिशन शुरू करेगी। जिसके तहत 80हजार हेक्टेयर वन भूमि में पौधरोपण किया जाएगा। साथ ही उन्होंने ट्री आउट साइड फोरेस्ट इन राजस्थान के तहत 5 करोड़ पौधे लगाए जाने का भी ऐलान सीएम ने किया।
ग्रासलैंड होंगे विकसित
ग्रास लैंड और वेटलैंड के विकास के लिए 50 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य और सांभर झील का विकास करवाया जाएगा।
हरियाली और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वन्य और वन्यजीव संबंधी गतिविधियों में दीर्घकालीन निवेश के लिए राजस्थान वानिकी और जैव विविधता विकास परियोजना होगी शुरू। एक हजार 694 करेाड़ रुपए होंगे खर्च।
सवाई माधोपुर में घडिय़ालों और गोडावन संबंधी कार्य होंगे
हरियाली और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वन और वन्यजीव अलवर, बारां, भीलवाड़ा, भरतपुर, करौली, कोटा, टोंक आदि में पौधरोपण और अन्य विकास कार्य होंगे

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