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Rajasthan Corona Update: संभावित तीसरी लहर की शुरुआत, क्या है चिकित्सा विभाग की तैयारी?

Rajasthan Corona Update:

प्रदेश में हर दिन कोरोना के नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कल राज्य में 12 कोरोना मरीज मिले हैं, जबकि इस वक्त राज्य में कुल 259 एक्टिव केस हैं। इसी बीच 9 ओमिक्रॉन पॉजिटिव भी मिल चुके हैं। ऐसे में संभावित तीसरी लहर की आहट सुनाई दे रही है। मुख्यमंत्री के कोरोना महामारी प्रबंधन के सलाहकार डॉ. वीरेंद्र सिंह इसे तीसरी लहर की शुरुआत कह रहे हैं। ऐसे में चिकित्सा विभाग तीसरी लहर से निपटने के इंतजाम पूरे होने के दावे कर रहा है। जबकि दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट ने हर दावे की हवा निकाल दी थी और अप्रेल के सिर्फ 5 दिनों में हालात बद से बदतर हो गए थे। ना अस्पतालों में ऑक्सीजन थी, ना आईसीयू और ना ही बैड। ऐसे में अब राज्यभर में इन सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। वहीं तीसरी लहर का बच्चों पर असर के कयासों के बीच नीकू, पीकू बैड की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है। जबकि वैक्सीनेशन को अब घर-घर सर्वे में शामिल कर लिया गया है। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि प्रदेश में अब तक 83 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली और 53 प्रतिशत से अधिक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है।

ऑक्सीजन की होगी आपूर्ति
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश में 545 ऑक्सीजन प्लांट्स जनरेशन प्लांट्स स्वीकृत हैं, जिनमें से 475 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, जबकि 47 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की भी आपूर्ति हो चुकी है। इनसे 1 हजार लीटर मेट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध होने लगेगी।

आरटीपीसीआर टेस्ट
राज्य में कोविड जांच के लिए कुल 72 प्रयोगशाला हैं, इनमें 36 राजकीय, 34 निजी एवं 2 केन्द्रीय प्रयोगशालाएं हैं। इसमें 36 राजकीय संस्थानों में राजकीय लैब संचालित हैं। इन सभी लैब की प्रतिदिन जांच की क्षमता 145000 प्रतिदिन है।

जीनोम सीक्वेंसिंग
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोरोना नए वेरिएंट के रूप में सामने आया और इलाज में देरी हुई। इसके बाद राज्य सरकार के प्रयासों से जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में ही जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा स्थापित की गई। यहां पर अब कोरोना संक्रमण के वेरिएंट की जांच की जाती है। अब सरकार जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा स्थापित करने जा रही है।

इतने अस्पतालों में इलाज की सुविधा
राज्य में कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए कुल 668 चिकित्सा संस्थान उपलब्ध हैं। इनमें से 273 कोविड केयर सेन्टर, 249 डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेन्टर और 146 कोविड हॉस्पिटल हैं। वहीं 301 निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के उपचार के लिए राज्य सरकार ने अधिकृत किया है। सभी सरकारी अस्पतालों में कुल 36834 आईसोलेशन बैड, 17033 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड एवं 5990 आईसीयू बैड उपलब्ध हैं।

राजधानी में यह तैयारी
जयपुर के सरकारी अस्पतालों में 16 से ज्यादा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हैं। लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटर के इंतजाम किए गए हैं। यहां आरयूएचएस में कुल 1200 बैड हैं। इनमें से 205 आईसीयू बैड हैं। यहां पर 100 और आईसीयू बैड का वार्ड तैयार किया गया है। एसएमएस में दूसरी लहर के समय एक हजार बैड कोरोना के लिए डेडिकेटेड थे, अब इन सभी पर ऑक्सीजन मिलेगी। वहीं बच्चों के लिए जेके लोन में कुल 800 बैड में से कोरोना के लिए 400 बैड रिजर्व किए जा चुके हैं। साथ ही 100 बैड आईसीयू यहां तैयार किया गया है। इसके साथ ही आरयूएचएस के दो फलोर पर दो सौ बैड भी बच्चों के लिए रिजर्व रहेंगे। जेके लोन अस्पताल में कोरोना से प्रभावित नवजात बच्चों के लिए 80 बैड का नियो नैटल वार्ड भी बनकर तैयार हो चुका है।

इन अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
1. आरयूएचएस में पहले से एक ऑक्सीजन प्लांट था, अब यहां पांच ऑक्सीजन प्लांट तैयार हो चुके हैं, जो वर्किंग हैं। वहीं दो लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट यहां हैं।
2. एसएमएस अस्पताल में नौ ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हैं। तीन लिक्विड ऑक्सीजन टैंक से भी यहां पर आपूर्ति की जाएगी। एसएमएस में कुल 2500 बैड क्षमता है और अब दावा किया जा रहा है कि इसके हर बैड पर ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकती है।
3. जेके लोन में दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट में से एक तैयार है। वहीं एक लिक्विड प्लांट भी है।

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