Rajasthan Exit Poll 2024: किसकी बिखरेगी चमक और कौन पड़ेगा मंद, जानें राजस्थान की 7 सीटों के हाल – rajasthan chunav exit polls result 2024 who to be win between bjp congress rlp and bap know 7 seats situation
जयपुर. महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी रण के साथ ही सात सीटों पर उपचुनाव वाले राजस्थान में कौन बाजी मार रहा है? कौन चुनावी मैदान में आगे है कौन पीछे है? इसका खुलासा आज शाम को साढ़े छह बजे हो गया. दोनों राज्यों में आज शाम को छह बजे मतदान समाप्ति के बाद एग्जिट पोल सामने आ जाएंगे. इनमें इन दोनों प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव रुझानों के साथ ही उपचुनाव वाले राज्यों की सीटों का भी पूर्वानुमान पता चल जाएगा. राजस्थान में दौसा, खींवसर, झुंझुनूं, चौरासी, रामगढ़, देवली उनियारा, रामगढ़ और सलूंबर सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं.
इस एग्जिट पोल में विभिन्न सर्वे एजेंसियों और न्यूज चैनल का पूर्वानुमान सामने आएगा. राजस्थान में सात सीटों में से चार झुंझुनूं, चौरासी, खींवसर और सलूंबर सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है. वहीं शेष तीन सीटों रामगढ़, देवली उनियारा और दौसा में बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर मानी जा रही है. राजस्थान में इन उपचुनाव में देवली उनियारा में हुए थप्पड़ कांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दी है. इन सात सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस, बीएपी और आरएलपी में कौन आगे हैं और कौन पीछे इसका अंदाजा हो जाएगा.
बीजेपी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है ये चुनावराजस्थान के ये उपचुनाव इस बार सत्तारुढ़ बीजेपी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. सूबे की सत्ता संभालने के बाद यह पहला उपचुनाव है. इन चुनावों में बीजेपी सरकार के मुखिया सीएम भजनलाल शर्मा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रतिष्ठा दांव पर है. दोनों ने बीते कुछ महीनों पहले ही प्रमुख पदों को संभाला है. हालांकि इन सात सीटों में से केवल सलूंबर सीट ही बीजेपी के पास थी. शेष छह सीटों कांग्रेस, बीएपी और आरएलपी के पास थी. लेकिन उन सीटों को अपने खाते में डालना बीजेपी के बड़ी चुनौती है.
बीजेपी के पास खोने के लिए कम और पाने के लिए ज्यादा हैइन उपचुनावों में बीजेपी के पास कांग्रेस के मुकाबले खोने के लिए कम और पाने के लिए ज्यादा है. इनमें से केवल एक ही सीट सलूंबर उसके पास थी. लेकिन उसकी नजरें छह अन्य सीटों पर भी टिकी है. वहीं कांग्रेस के पास चार सीटें थी. उसके सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. दोनों ही पार्टियों ने इस उपचुनाव में जमकर पसीना बहाया है.
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