Rajasthan

Rajasthan Farmers: खेती में आगे फिर भी… सिरोही के किसान क्यों गुजरात की मंडियों में बेचते हैं अपनी फसलें?

सिरोही: सिरोही जिले में होने वाली फसल में से अधिकांश फसलें गुजरात की मंडियों में बिकने के लिए जाती हैं. इसकी मुख्य वजह जिले में कोई कृषि मंडी नहीं होने से किसानों को गुजरात का रुख करना पड़ता है. जिले में रोजगार के मुख्य संसाधनों में कृषि पर निर्भर परिवारों की संख्या ज्यादा है. जिले में 1 लाख 62 हजार 788 हेक्टेयर शुद्ध बुवाई क्षेत्र और 2 लाख 25 हजार 824 हेक्टेयर ग्रॉस क्रॉप एरिया है. जिले का कुल सिंचित क्षेत्र 1 लाख 3 हजार हेक्टेयर है. इस कृषि में सिंचाई का मुख्य स्रोत खुले कुएं और बोरवेल हैं.

इस फसल की देशभर में पहचानजिले में पशुपालन-बागवानी आधारित कृषि प्रणाली है. फसलों के मामले में जिले में खरीफ मौसम में अरंडी, बाजरा, तिल, ग्वार, मूंग और मक्का और रबी मौसम में सौंफ, सरसों, गेहूं, जीरा और चना उगाई जाती हैं. इसके अलावा, शरीफा, आम, टमाटर, भिंडी, मिर्च और लता वाली सब्जियों की खेती होती है. यहां की सौंफ की फसल देशभर में पहचान बना चुकी है. इतनी अलग-अलग प्रकार की खेती के बावजूद जिले में फसल खरीद केंद्र के रूप में कोई कृषि उपज मंडी नहीं है.

गुजरात से नजदीकी की वजह से किसान करते हैं रुखजिले से सटे पाली के सुमेरपुर में मंडी है. यह मंडी शिवगंज ब्लॉक के नजदीक होने से शिवगंज को छोड़कर शेष 5 तहसील, सिरोही, पिंडवाड़ा, आबूरोड, देलदर और रेवदर तहसील से किसान गुजरात का रुख करते हैं. जिले से मुख्य रूप से किसान गुजरात की ऊंझा मंडी, अमीरगढ़ मंडी, पाथावाड़ा मंडी और गुंदड़ी धानु मंडी में अपनी उपज बेचते हैं. जिले की सौंफ की ऊंझा मंडी में काफी डिमांड होती है. रेवदर-मंडार क्षेत्र की फसलें गुजरात के पाथावाड़ा और गुंदड़ी की धानु मंडी में जाती हैं. वहीं, आबूरोड, देलदर और पिंडवाड़ा क्षेत्र की फसलें गुजरात की ऊंझा और अमीरगढ़ डीसा की मंडियों में बेची जाती हैं.

मंडी के लिए जगह लेकिन शुरू नहीं हुई कृषि मंडीजिले के आबूरोड में वर्ष 1976 में कृषि मंडी की स्थापना की गई थी, लेकिन वर्तमान में केवल होलसेल सब्जी और सब्जी मंडी संचालित हो रही है. यहां अनाज के लिए मंडी नहीं है. रेवदर में पिछले 30 सालों से कृषि मंडी का इंतजार है. रेवदर तहसील के अनादरा गांव में 1987 में तत्कालीन राज्यपाल और केंद्रीय गृहमंत्री ने कृषि मंडी का शिलान्यास किया था, लेकिन आज तक मंडी शुरू नहीं हुई.

क्या कहना है किसान का?81 वर्ष के किसान जयंतीलाल पटेल ने लोकल 18 को बताया कि वह और अन्य किसान जिले में मंडी खुलवाने की मांग को लेकर 3 दिन तक भूख हड़ताल पर बैठे थे. जो जगह कब्जे में लेनी थी, वह जगह नहीं ली गई और उसे बिक जाने दिया गया. समय पर प्रशासन ने अपील नहीं की. वर्तमान में यहां आधी जगह पर सब्जी मंडी चल रही है. रेवदर में भी मंडी की काफी मांग हो रही है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. किसान पन्नालाल पुरोहित ने बताया कि जिले में मंडी नहीं होने से किसानों को गुजरात जाकर अपनी उपज बेचनी पड़ती है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Sirohi news, Special Project

FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 13:03 IST

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