Rajasthan Farmers Relief from Locust Attack 2025

Last Updated:October 31, 2025, 08:45 IST
Rajasthan Locust Attack: जोधपुर संभाग के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल पाकिस्तान से टिड्डियों के हमले की कोई संभावना नहीं है. मौसम की परिस्थितियां प्रजनन के अनुकूल नहीं हैं. सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन से निगरानी जारी है. किसानों को पिछले वर्षों जैसी तबाही का डर नहीं रहेगा.
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जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर संभाग के किसानों के लिए इस साल राहत भरी खबर है. पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान से घुसी टिड्डियों ने जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली जिलों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था. टिड्डियों के झुंडों ने हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलों को चट कर लिया था. किसानों को ना सिर्फ आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि फसलों की बर्बादी से कई महीनों तक जीवनयापन संकट में आ गया था.
इस साल स्थिति पूरी तरह से अलग रहने वाली है. कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के सर्वे के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से इस बार टिड्डियों के हमले की संभावना नहीं है. जोधपुर के कृषि उपनिदेशक डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि इटली से आए विशेषज्ञों के साथ किए गए संयुक्त निरीक्षण में यह निष्कर्ष निकला कि इस बार मौसम और पर्यावरणीय स्थितियाँ टिड्डियों के प्रजनन के अनुकूल नहीं हैं. इसलिए फसलों को पिछले साल जैसी किसी बड़ी हानि की आशंका नहीं है.
किसानों के लिए आत्मविश्वास भरा मौसमकृषि विभाग ने सीमावर्ती इलाकों में नियमित निगरानी शुरू कर दी है. विभाग की टीमें ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक से लगातार सीमाई क्षेत्रों पर नजर रख रही हैं. अगर किसी स्थान पर टिड्डियों की हलचल दिखाई देती है, तो तत्काल नियंत्रण अभियान शुरू किया जाएगा. यह त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली किसानों को बड़ी राहत दे रही है और उन्हें आत्मविश्वास के साथ खेती करने का मौका दे रही है.
किसानों की सजगता बनी ताकतपिछले साल के अनुभव ने साबित किया कि किसानों की एकजुटता किसी भी संकट से निपटने की सबसे बड़ी ताकत है. सरकारी सीमित संसाधनों के बावजूद किसानों ने ठंडी हवाओं और कठिन मौसम में अपनी फसलों की रक्षा की थी. इस बार किसान आत्मविश्वास के साथ नई फसलों की तैयारी में जुटे हैं और उन्हें भरोसा है कि इस बार उनकी मेहनत रंग लाएगी.
यादगार चुनौती बनी तबाहीगौरतलब है कि कुछ साल पहले पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों ने पूरे पश्चिमी राजस्थान में हाहाकार मचा दिया था. सरकारी और स्थानीय प्रयासों के बावजूद टिड्डियों को नियंत्रित करना आसान नहीं था. किसानों ने सीमित साधनों के बावजूद रासायनिक छिड़काव और रातभर खेतों की निगरानी करके फसलों को बचाने की कोशिश की थी. आज वही किसान राहत की सांस ले रहे हैं और अपनी आगामी फसल की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं.
Location :
Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan
First Published :
October 31, 2025, 08:45 IST
किसानों के लिए खुशखबरी: पाकिस्तान से नहीं आएंगी टिड्डियाँ, फसलें रहेंगी…



