Rajasthan

CM भजनलाल शर्मा की लॉबिंग सफल, हाई-प्रोफाइल अफसर की तैनाती से राजस्थान में बढ़ी सियासी हलचल

जयपुर. केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने राजस्थान सरकार के अनुरोध पर 1989 बैच के आईएएस अधिकारी वी. श्रीनिवास को तत्काल कार्यमुक्त कर राज्य को सौंप दिया है.  श्रीनिवास सोमवार या उससे पहले मुख्य सचिव का पदभार संभाल लेंगे. यह फैसला भजनलाल शर्मा सरकार और केंद्र के बीच मजबूत समन्वय का प्रमाण माना जा रहा है, जिसे भाजपा ‘डबल इंजन सरकार’ की सफलता के तौर पर प्रचारित कर रही है. हालांकि इस नियुक्ति के बाद राजस्थान में सियायी हलचल भी तेज हो गई है.

राजनीतिक हलकों में इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की व्यक्तिगत लॉबिंग का नतीजा बताया जा रहा है. वर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले यह कदम प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ आगामी बजट सत्र और 2028 विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है.

डिजिटल गवर्नेंस के चैंपियन माने जाते हैं वी. श्रीनिवास 

श्रीनिवास पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की पोती के पति हैं और भाजपा नेता एन.वी. सुबाश उनके साले हैं. पार्टी सूत्रों का दावा है कि यह पारिवारिक जुड़ाव 1991 के आर्थिक सुधारों की विचारधारा को राजस्थान से जोड़ने का राजनीतिक अवसर प्रदान करेगा. प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) के सचिव श्रीनिवास को डिजिटल गवर्नेंस का चैंपियन माना जाता है. CPGRAMS पोर्टल को 56 देशों का मॉडल बनाने और AIIMS डिजिटल प्रोजेक्ट को दो राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने का श्रेय उन्हें जाता है.

विकसित राजस्थान के ब्रांडिंग को मिलेगा बल

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी विशेषज्ञता केंद्र की योजनाओं डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन को राज्य में तेजी से लागू करने में मदद करेगी, जो भाजपा के चुनावी एजेंडे को मजबूती देगा. 1995-97 में वर्षा आधारित कृषि के लिए नेशनल प्रोडक्टिविटी अवॉर्ड और बोर्ड ऑफ रेवेन्यू चेयरमैन के रूप में अनुभव उन्हें किसान मुद्दों पर कांग्रेस के हमलों का प्रभावी काउंटर बनाता है. IIAS के पहले भारतीय अध्यक्ष चुने जाने को भाजपा ‘विकसित राजस्थान@2047’ की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल करेगी.

भजनलाल सरकार की चुनावी तैयारियों को मिलेगा मजबूत आधार

मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ श्रीनिवास की नियुक्ति को पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान दिल्ली भेजे गए अधिकारियों की वापसी के रूप में देखा जा रहा है. भाजपा समर्थक इसे ‘गहलोत युग की नौकरशाही से मुक्ति’ बता रहे हैं. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि श्रीनिवास का आगमन राज्य में डिजिटल सुशासन, राजस्व सुधार और केंद्र-राज्य योजनाओं के समन्वय को नई गति देगा, जो भजनलाल सरकार की चुनावी तैयारियों को मजबूत आधार प्रदान करेगा.

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