भजनलाल के एक फैसले से उबला राजस्थान, शुरू हुआ विरोध, कहीं पड़ ना जाए लेने के देने!

बीजेपी द्वारा गहलोत सरकार के बनाए जिलों को खत्म करने का फैसला जैसे ही सामने आया, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. जहां बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने बेसिक चीजों को दरकिनार कर इन जिलों का निर्माण कर दिया, वहीं कांग्रेस का कहना है कि वो जैसे ही सत्ता में आएंगे, दुबारा से इन जिलों को बना देंगे. इस बीच राज्य के कई हिस्सों में इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.
जैसे ही ये फैसला पब्लिक किया गया, वैसे ही शाहपुरा में विरोध दर्ज करवाने के लिए बंद का ऐलान कर दिया गया. सरकार का कहना है कि कई जिलों में तो छह से सात तहसील भी नहीं हैं. ये क्राइटेरिया किसी भी हिस्से को जिला बनाने के लिए सबसे जरुरी है. गहलोत सरकार ने इन सभी बातों का ध्यान नहीं रखा और अपनी मर्जी से जिले बना दिए. ऐसे में इन्हें खत्म किया जा रहा है. हालांकि, इसके बाद लोग और विरोधी पार्टियों ने तुरंत इसका विरोध शुरू कर दिया.
राजनितिक षड्यंत्र का हिस्साफैसले का विरोध करने वालों का कहना है कि भजनलाल सरकार का ये फैसला राजनितिक षड्यंत्र का हिस्सा है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जिलों को खत्म किया गया तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा. इस फैसले के बाद नीमका थाना में कई विरोधियों ने टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही ट्रेन सुविधा को भी बाधित करने की धमकी दी. एमएलए सुरेश मोदी ने कहा कि भजनलाल का ये फैसला जनता को नुकसान पहुंचाने के लिए है. इसके खिलाफ मंगलवार को बाजार बंद रखा जाएगा. नीमका थाना को जिला बनाने की मांग सत्तर सालों से की जा रही थी. ये जिला बनने के सारे पैरामीटर पूरा करता है. ऐसे में इसे खत्म करना जनता के लिए परेशानी पैदा करेगी.
हर जगह विरोधनीमका थाना के अलावा शाहपुरा, अनूपगढ़ और दूदू में भी विरोध के स्वर सुनाई दिए. हर जगह बंद का ऐलान किया गया है. दूदू, जो सबसे छोटा जिला है, यहां सिर्फ तीन तहसील हैं. इसके बाद भी इसे जिला बना दिया गया है. बता दें कि भजनलाल सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए नौ जिलों को खत्म करने का फैसला किया है. इसमें दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण और सांचौर शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 11:14 IST