Rajasthan government serious about complying with carbon emission norm | कार्बन उत्सर्जन मापदंडों की पालना के लिए राजस्थान सरकार गंभीर
राज्य के तापीय विद्युत गृहों ( thermal power stations ) में कार्बन उत्सर्जन मापदंडों ( carbon emission norms ) की पालना के लिए राज्य सरकार गंभीर है। कोप 21 के कमिटमेंट के अनुसार देश के थर्मल पॉवर प्लांटों में सल्फर डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन के प्रभाव को कम करने के लिए एफजीडी लगाने का रोडमेप केन्द्र सरकार के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी किया हुआ है।
जयपुर
Published: April 09, 2022 08:25:24 am
राज्य के तापीय विद्युत गृहों में कार्बन उत्सर्जन मापदंडों की पालना के लिए राज्य सरकार गंभीर है। कोप 21 के कमिटमेंट के अनुसार देश के थर्मल पॉवर प्लांटों में सल्फर डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन के प्रभाव को कम करने के लिए एफजीडी लगाने का रोडमेप केन्द्र सरकार के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी किया हुआ है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रोडमेप के अनुसार 2011 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी क्षेत्र में आ रहे तापीय विद्युत गृहों में 2022 के अंत तक एफजीडी प्लांट लगाए जाने हैं। केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार देश के 596 थर्मल पॉवर प्लांटों में से 10 लाख की आबादी या एनसीआर क्षेत्र में आने वाले 79 तापीय विद्युत गृह हैं। उनमें से प्रदेश का कोटा का थर्मल पॉवर प्लांट शामिल है। कोटा थर्मल पॉवर प्लांट सहित राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने प्रदेश के तापीय विद्युत गृहों की 9 इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन प्लांट लगाने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है। तापीय विद्युत गृहों द्वारा कार्बन उत्सर्जन यानी की सस्पेंडेड पर्टिकूलेट मेटर, सल्फरडाइज आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड व मरकरी आदि एमिशन्स को कम किए जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एफजीडी प्लांट लगाए जाने पर बल दिया जा रहा है। राजस्थान में तो अब थर्मल पॉवर के साथ ही सोलर, विण्ड ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और 10 गीगावाट सोलर क्षमता के साथ राजस्थान अग्रणी प्रदेश बन चुका है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी वाले प्लांटों मेें कोटा तापीय विद्युत गृह आ रहा है। विद्युत उत्पादन निगम द्वारा कोटा तापीय विद्युत गृह की इकाई संख्या 5, 6 और सात में एफजीडी इकाई स्थापित करने के लिए आवश्यक तैयारियां करते हुए इस क्षेत्र के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्लेयर से समन्वय किया जा रहा है ताकि स्तरीय इकाई की स्थापना हो सके। कोटा के साथ ही छबड़ा सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युत गृह की इकाई 5 और 6, सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युत गृह की इकाई 7 व 8 और कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की इकाई संख्या 1 व 2 में एफजीडी इकाई लगाने के लिए रोडमेप तैयार किया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि राज्य के तापीय विद्युत गृहों में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) इकाई लगाने के लिए विशेषज्ञोें से आरंभिक अध्ययन करा लिया गया है।

कार्बन उत्सर्जन मापदंडों की पालना के लिए राजस्थान सरकार गंभीर
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