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Rajasthan Jaipur पिंकसिटी में देखिए… खैर, रोंज, कुमठा, धोंक, रोहिडा | JAIPUR DESERT PARK KISHANBAGH

Rajasthan Jaipur Desert Park राजधानी में लोगो को राजस्थानी चट्टानें, वनस्पतियां व जीवाश्म दिखाए जा रहे है, वहीं ज्वालामुखी की जानकारी दी जा रही है। यहीं कारण है कि पिछले 6 दिन में ही Kishanbagh Jaipur इन्हें देखने के लिए 619 लोग पहुंचे। छुट्टी के दिन या विकेंड पर यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। विद्याधर नगर स्थित किशनबाग में विकसित किए गए ‘मरूस्थलीय पार्क’ देखने के लिए लोगों में उत्साह नजर आ रहा है।

जयपुर

Published: December 26, 2021 11:28:49 am

Rajasthan Jaipur Desert Park राजधानी में लोगो को राजस्थानी चट्टानें, वनस्पतियां व जीवाश्म दिखाए जा रहे है, वहीं ज्वालामुखी की जानकारी दी जा रही है। यहीं कारण है कि पिछले 6 दिन में ही Kishanbagh Jaipur इन्हें देखने के लिए 619 लोग पहुंचे। छुट्टी के दिन या विकेंड पर यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। विद्याधर नगर स्थित किशनबाग में विकसित किए गए ‘मरूस्थलीय पार्क’ देखने के लिए लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। यहां लोगो केा जयपुर के धोरे दिखाए जा रहे है। वहीं खैर, रोंज, कुमठा, अकोल, धोंक, खेजडी, इंद्रोक, हिंगोट, ढाक, कैर, गूंदा, लसोडा, बर्ना, गूलर, फालसा, रोहिडा, दूधी, खेजडी, चूरैल, पीपल, जाल, अडूसा, बुई, वज्रदंती, आंवल, थोर, फोग, सिनाय, खींप, फ्रास आदि प्रजाति के पेड-पौधे भी देखने को मिल रहे है।

Rajasthan Jaipur पिंकसिटी में देखिए... खैर, रोंज, कुमठा, धोंक, रोहिडा

Rajasthan Jaipur पिंकसिटी में देखिए… खैर, रोंज, कुमठा, धोंक, रोहिडा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जनता को किशनबाग में विकसित मरूस्थलीय पार्क की सौगात दी थी। इसके बाद जैसे—जैसे लोगों को इसकी जानकारी मिल रही है, लोग वहां पहुंच रहे है। पिछले 6 दिन में इस बाग को देखने के लिए 619 लोग पहुंचे है। जेडीए के वन संरक्षक महेश तिवाड़ी बताते है कि ‘जयपुर के धोरें’ देखने के लिए लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। यह अलग ढंग का पार्क है, इसमें राजस्थानी पेड़—पौधे के साथ यहां के जंगलों में पैदा होने वाली वनस्पतियों व औषधियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस बाग में राजस्थान की चट्टानें और पत्थरों का संकलन कर रखा है। इसके अलावा जीवाश्म का भी संकलन है, यहां लोगों को ज्वालामुखी के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राजस्थान में काफी ज्वालामुखी रही है, ग्रेनाइट पत्थर ज्वालामुखी से ही बनता है। यहां लोगों को पक्षियों के बारे जानकारी दी जा रही है।

किस दिन कितने सैलानी पहुंचे किशनबाग
19 दिसम्बर — 117
21 दिसम्बर — 45
22 दिसम्बर — 45
23 दिसम्बर — 74
24 दिसम्बर — 86
25 दिसम्बर — 252

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