रामलला के मूर्तिकार को मिला ऐसा सम्मान, जिसे सुनकर हर भारतीय हो जाएगा गर्व से गदगद!

Last Updated:April 17, 2025, 15:26 IST
 शिल्पकार अरुण योगीराज को भारतीय कला में योगदान के लिए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की पहली मानद पीएचडी उपाधि मिली. राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित किया और उनकी कला को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया.
शिल्पी अरुण योगीराज को पीएचडी की पहली मानद उपाधि प्रदान की.
निखिल स्वामी /बीकानेर- महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय ने शिल्पी अरुण योगीराज को पीएचडी की पहली मानद उपाधि प्रदान की. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में योगीराज को यह उपाधि दी.
कलाकारों का सम्मान भारतीय संस्कृति की परंपराराज्यपाल ने कहा कि योगीराज ने कम उम्र में ही शिल्प कला की गहरी साधना की है. उन्होंने योगीराज के कला कौशल की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में उनकी मूर्तियां जीवंत प्रतीत होती हैं.
योगीराज की शिल्प कला की विरासत और पहचानराज्यपाल ने योगीराज को भारतीय शिल्प कला की समृद्ध परंपरा के जीवित प्रतीक के रूप में सम्मानित किया. उन्होंने योगीराज की मूर्तिकला की विरासत की सराहना की और कहा कि उन्होंने शिल्प कला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने योगीराजराज्यपाल ने कहा कि योगीराज के बारे में दी गई जानकारी विश्वविद्यालय में प्रदर्शित की जाए, ताकि युवा छात्र उनकी कला को समझें और प्रेरित हो सकें. साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय में शौर्य और देशभक्ति की तस्वीरें लगाने का प्रस्ताव रखा.
अरुण योगीराज का मानद उपाधि पर विचारपीएचडी की मानद उपाधि प्राप्त करते हुए, अरुण योगीराज ने कहा कि यह सम्मान भारतीय कला की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वे रामलला की मूर्ति बनाने का अवसर प्राप्त कर पाए.
कुलपति ने योगीराज की कला की सराहना कीमहाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि योगीराज ने अपनी कला से सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों को नया जीवन दिया है. उन्होंने बताया कि योगीराज ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य और अमरनाथ में नंदी की मूर्तियां भी बनाई हैं.
समारोह में अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की उपस्थितिइस दौरान राज्यपाल के साथ अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने भी योगीराज को सम्मानित किया, जिसमें डॉ. मेघना शर्मा और कुलसचिव अरविंद बिश्नोई भी उपस्थित थे.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
April 17, 2025, 15:26 IST
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रामलला के मूर्तिकार को मिला ऐसा सम्मान, जिसे सुनकर हर भारतीय हो जाएगा गर्व से
 


