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Last Updated:December 09, 2025, 19:31 IST
Jaipur News : राजस्थान में पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि झुंझुनूं और नागौर में अपराधियों को महिलाओं के कपड़े पहनाकर सड़क पर घुमाया गया. राष्ट्रीय महिला फेडरेशन ने इसे महिलाओं की सामूहिक गरिमा का अपमान बताते हुए DGP को कड़ा पत्र लिखा है. वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है और सरकार व विपक्ष आमने-सामने हैं. संगठन का कहना है कि यह कार्रवाई कानून, संविधान और सामाजिक संवेदनशीलता- तीनों के खिलाफ है.
जयपुर. राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (NFIW) ने पुलिस महानिदेशक को एक कड़ा पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि झुंझुनूं और नागौर जिलों में पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के बाद महिलाओं के कपड़े पहनाकर सड़कों पर घुमाया. संगठन ने इसे महिलाओं की सामूहिक गरिमा का खुला अपमान बताया है. यह मुद्दा सामने आने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था, संवेदनशीलता और पुलिस के अधिकारों की सीमा को लेकर नई बहस छिड़ गई है. फेडरेशन ने कहा है कि यह सिर्फ अपराधियों को अपमानित करने का तरीका नहीं, बल्कि महिलाओं की पहचान का अपमान है, जो कानून और संविधान दोनों की भावना के खिलाफ है.
पहले पैराग्राफ में ही यह स्पष्ट हो जाता है कि मामला कितना संवेदनशील है और आरोप किस हद तक गंभीर हैं. महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला राष्ट्रीय संगठन जब पुलिस पर ही गरिमा से खिलवाड़ जैसे आरोप लगाए, तो स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है. दूसरी ओर, सरकार और विपक्ष दोनों इस घटना को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. सरकार जहां पुलिस की कार्रवाई को जायज ठहरा रही है, वहीं विपक्ष और महिला संगठन इसे महिलाओं का अपमान और कानून-व्यवस्था का उल्लंघन बता रहे हैं. पूरा विवाद अब जनचर्चा का केंद्र बन गया है.
झुंझुनूं और नागौर की वीडियो से शुरू हुआ विवाद
घटना उन वायरल वीडियो के बाद सामने आई, जिनमें झुंझुनूं और नागौर में पकड़े गए कुछ अपराधियों को पुलिस ने महिलाओं की वेशभूषा पहनाकर खुले में परेड कराई. राष्ट्रीय महिला फेडरेशन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए DGP को पत्र लिखा है. महासचिव निशा सिद्दू ने पत्र में कहा कि अपराधियों को इस तरह महिलाओं जैसा बना कर सड़कों पर घुमाना ‘महिलाओं की सामूहिक गरिमा के खिलाफ अपराध’ है. फेडरेशन का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल पुलिस की बुनियादी प्रक्रियाओं के विपरीत है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की पहचान के प्रति गलत संदेश देने वाली है. पत्र में कहा गया है कि यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था की छवि को नुकसान पहुंचाती है और प्रशासनिक संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल उठाती है.
विपक्ष ने बताया महिलाओं का अपमानइस पूरे विवाद पर राजनीति भी गर्माती दिखाई दे रही है. भजनलाल सरकार में देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पुलिस अपराधियों में भय पैदा करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने विवेक से कार्रवाई करती है. उनके अनुसार, अपराधियों को जनता के सामने लाकर शर्मिंदगी का अहसास कराना भी एक तरीका है, जिससे अपराध कम हो सकते हैं. कुमावत ने इसे पुलिस की कार्यप्रणाली का हिस्सा बताया.
टीकाराम जूली की टिप्पणीवहीं विपक्ष ने इस बयान और पुलिस की कार्रवाई, दोनों पर कड़ी आपत्ति जताई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि अपराधियों में भय पैदा करने के कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन महिलाओं की पहचान, उनके कपड़े और उनकी गरिमा का इस्तेमाल करना किसी भी तरह से उचित नहीं है. जूली ने इसे महिलाओं का अपमान बताया और कहा कि ऐसे कदम पुलिस और सरकार की सोच पर सवाल उठाते हैं.
About the AuthorAnand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
December 09, 2025, 19:31 IST
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पुलिस कार्रवाई या शर्मनाक करतूत? अपराधियों को महिला वेश में घुमाया,मच गया बवाल



