Rajasthan News : बीएड छात्रों पर बड़ा प्रहार… यूनिवर्सिटी का अचानक फैसला, फीस दोगुनी होते ही मचा बवाल!

जयपुर. राजस्थान में बीएड कर रहे हजारों विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय ने बड़ा बदलाव किया है. विश्वविद्यालय ने बीएड डिग्री में सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया है और इसके साथ ही परीक्षा शुल्क में भी बड़ी बढ़ोतरी कर दी है. इस निर्णय का सीधा असर लगभग 20 हजार विद्यार्थियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब दो साल की पढ़ाई के लिए पहले से दोगुना शुल्क देना होगा. बीएड करने वाले विद्यार्थियों को पहले दो साल में कुल 8,120 रुपए परीक्षा शुल्क देना होता था, लेकिन नए नियमों के बाद अब यही फीस बढ़कर 17,240 रुपए कर दी गई है, जिससे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा.
विश्वविद्यालय के इस अचानक बदलाव के बाद स्टूडेंट्स में नाराजगी फैल गई है और वे इसका विरोध कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि बीएड में सेमेस्टर सिस्टम लागू करना और फीस को दोगुना बढ़ा देना, दोनों ही फैसले बिना पूर्व जानकारी और तैयारी के किए गए हैं. उनका मानना है कि अधिकांश विद्यार्थी पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं, ऐसे में अचानक बढ़ी हुई फीस चुकाना उनके लिए संभव नहीं है. स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. राजस्थान विश्वविद्यालय से जुड़े 164 बीएड कॉलेजों में हजारों विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनकी पढ़ाई और आर्थिक स्थिति पर इस निर्णय का असर पड़ना तय है.
सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद परीक्षा पैटर्न में बदलावराजस्थान विश्वविद्यालय ने बीएड में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के साथ परीक्षा संरचना में भी बदलाव कर दिया है. बीएड पढ़ाई की अवधि दो साल की होती है और पहले विद्यार्थियों की परीक्षा साल में दो बार प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के रूप में ली जाती थी. लेकिन अब सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद दो साल में चार बार परीक्षा आयोजित की जाएगी. एक सेमेस्टर का परीक्षा शुल्क 4310 रुपए तय किया गया है, यानी चार सेमेस्टर के लिए कुल 17,240 रुपए शुल्क देना होगा, जो पहले की तुलना में दोगुना है. इसके अलावा एक सेमेस्टर का प्रैक्टिकल शुल्क 190 रुपए होगा, यानी चार सेमेस्टर में कुल 760 रुपए प्रैक्टिकल शुल्क देना पड़ेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि बीएड के लिए बनी समिति ने तय मापदंडों के अनुसार ही सेमेस्टर आधारित शुल्क निर्धारित किया है और परीक्षा व्यवस्था भी उसी अनुसार बदली गई है.
राजस्थान में शिक्षक बनने की प्रक्रिया और पात्रता
राजस्थान में शिक्षक बनने के लिए बीएड की डिग्री और प्रशिक्षण अनिवार्य होता है, जिसके बाद ही विद्यार्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए पात्र बनते हैं. बीएड में प्रवेश के लिए राज्य में प्री टीचर एजुकेशन टेस्ट आयोजित किया जाता है, जिसे वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी कोटा हर वर्ष आयोजित करती है. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी के पास स्नातक या स्नातकोत्तर में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होना जरूरी है. जबकि SC, ST, OBC, MBC, PwD, विधवा या तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों को 45 प्रतिशत अंकों की छूट दी जाती है. इसके अलावा राजस्थान में चार वर्षीय B.A. B.Ed. और B.Sc. B.Ed. पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं, जिनमें विद्यार्थी 12वीं के बाद सीधे प्रवेश लेते हैं. बीएड के प्रवेश से लेकर परीक्षा और परिणाम तक की पूरी प्रक्रिया राजस्थान विश्वविद्यालय अपनी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से संचालित करता है.



