Rajasthan News: घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र ने नेशनल मिशन शुरू किया

सिरोही: केन्द्र सरकार ने घरेलू तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल मिशन फॉर एडिबल ऑयल (तिलहन नवीन मिशन) शुरू किया है. इस मिशन का उद्देश्य खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाना और आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता कम करना है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के जरिए यह मिशन किसानों की आय में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है. इसमें किसानों को कई तरह की सहायता दी जाएगी.
संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) शंकर लाल मीणा ने बताया कि इस मिशन का उद्देश्य भारत की विदेशी खाद्य तेलों पर निर्भरता को कम करना और देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना है. इस लक्ष्य को पाने के लिए मिशन के तहत नवाचारों का उपयोग, प्रौद्योगिकी का तेजी से प्रसार, तिलहनी फसलों का विस्तार, उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ाना, द्वितीयक तिलहनों के निष्कर्षण और संग्रहण में सहायता जैसी विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी. जिला स्तर पर जिला ऑयल सीड मिशन और जिला एग्जीक्यूटिव कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे.
खेत की मिट्टी की होगी निशुल्क जांचजिले में कलस्टर गतिविधियों के तहत 6500 हेक्टेयर में मूंगफली, तिल, अरंडी और सरसों की प्रमाणित किस्मों के बीज मुफ्त में बांटे जाएंगे. इसी क्षेत्र में किसानों के लिए एक हेक्टेयर तक के खेतों में प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे. इस योजना के तहत हर किसान के खेत की मिट्टी की प्रयोगशाला में मुफ्त जांच की जाएगी. खरीफ में अरंडी, तिल, मूंगफली और रबी में सरसों की कलस्टर बनाए जाएंगे और विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.
5 मई तक मांगे गए प्रस्तावमिशन के तहत हर कलस्टर का प्रबंध एक वैल्यू चैन पार्टनर द्वारा किया जाएगा. इसके लिए इच्छुक एफपीओ/सहकारी या सार्वजनिक/निजी निगम से 5 मई तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. वैल्यू चैन पार्टनर को किसानों का पंजीकरण, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, बीजों का वितरण, किसान प्रशिक्षण और फिल्ड स्कूल का आयोजन, और सलाहकार सेवाओं का प्रसार करना होगा. वैल्यू चैन पार्टनर को बीज वितरण और प्रशिक्षण पर किए गए कुल खर्च के 1.5 प्रतिशत के बराबर प्रबंधन और आउटरीच सहायता दी जाएगी.
प्रोसेसिंग यूनिट पर 33 प्रतिशत अनुदानफसल कटाई के बाद मूल्य श्रृंखला के लिए 10 टन क्षमता तक की तिलहन की प्रोसेसिंग हेतु मशीनरी और उपकरण के लिए 33 प्रतिशत या अधिकतम 9.90 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इसके लिए तिलहन क्षेत्र में काम करने वाले एफपीओ, सहकारी या सार्वजनिक, निजी निगम पात्र होंगे. आवेदन और प्रस्ताव 5 मई तक आमंत्रित किए गए हैं.
वीसीपी चयन के लिए यह होगें मानदंडकंपनी अधिनियम या सरकारी अधिनियम के तहत पंजीकरण होना चाहिए. जिस जिले में क्लस्टर बना है, वहां काम करने का कम से कम 3 साल का अनुभव जरूरी है. कम से कम 200 किसान एफपीओ, सरकारी संस्थान में पंजीकृत होने चाहिए. पिछले 3 वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार 9 लाख से अधिक होना चाहिए. एफपीओ में किसानों द्वारा कम से कम 3 लाख की इक्विटी होनी चाहिए. सरकार द्वारा किसी भी इक्विटी अनुदान प्राप्तकर्ता को प्राथमिकता दी जाएगी.