Colonel Busted cadre cash, militants targeted family

Manipur Attack: असम राइफल की खुगा बटालियन के सीओ कर्नल विप्लव त्रिपाठी पर घात लगा हुआ यह हमला कोई साधारण हमला नहीं है। इसके लिए उग्रवादी संगठन ने न केवल पूरी तैयारी की बल्कि सूक्ष्मतम सूचना संग्रहण भी किया। दरअसल, कर्नल त्रिपाठी उग्रवादी संगठनों के कैश और कैडर पर बडा आघात कर रहे थे।

आनंद मणि त्रिपाठी जयपुर
Manipur Attack: असम राइफल की खुगा बटालियन के सीओ कर्नल विप्लव त्रिपाठी पर घात लगा हुआ यह हमला कोई साधारण हमला नहीं है। इसके लिए उग्रवादी संगठन ने न केवल पूरी तैयारी की बल्कि सूक्ष्मतम सूचना संग्रहण भी किया। दरअसल, कर्नल त्रिपाठी उग्रवादी संगठनों के कैश और कैडर पर बडा आघात कर रहे थे।
कर्नल त्रिपाठी एक तरफ जागरूकता लाकर युवाओं को कैडर में जाने से रोक रहे थे। इससे उग्रवादी अपना परिवार यानी कैडर नहीं बढा पा रहे थे तो दूसरी तरफ जमीनी सूचना नेटवर्क के जरिए मादक पदार्थों, हथियारों और युद्धक सामग्री भी जब्त कर रहे थे। इसी कारण उग्रवादी संगठनों के पास कैश और कैडर, दोनों ही कम हो गए।
इतना ही नहीं कर्नल त्रिपाठी ने म्यामांर—भारत की सीमा पर उग्रवादियों के खिलाफ एक के बाद एक घातक कार्रवाई कर इनके छिपने वाले अडडे भी खत्म कर दिए। चीन के इशारे पर चल रहा पूरा का पूरा उग्रवादी नेटवर्क ही साफ कर दिया था। माना जा रहा है कि यहीं से कर्नल उग्रवादियों के निशाने पर आ गए।
असम में सेवाएं दे चुके भारतीय सेना से जुडे ब्रिगेडियर बताते हैं कि यह सामान्य एंबुस नहीं है। आईईडी ब्लास्ट के बाद फायरिंग भी हुई है। ऐसा लगता है जैसे उग्रवादियों ने सीओ से निजी दुश्मनी पाल ली। ऐसा तभी हो सकता है जब सीओ ने इसके संगठन के नेटवर्क, लाजिस्टिक और अन्य साधनों को नुकसान पहुंचाया हो।