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Last Updated:December 04, 2025, 23:05 IST

Rajasthan News : राजस्थान पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार SC-ST अत्याचार के मामलों में 28.23 प्रतिशत कमी आई है. DGP राजीव कुमार शर्मा ने इसे कड़े कानून और विशेष अभियानों का नतीजा बताया.एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में कमी का दावा, पुलिस के आंकड़े चौंकाने वाले!राजस्थान पुलिस मुख्यालय

जयपुर. राजस्थान पुलिस मुख्यालय से एक अहम रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रदेश में SC-ST अत्याचार के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. यह कमी मामूली नहीं, बल्कि पुलिस के विश्लेषण के अनुसार 28.23 फीसदी तक पहुंच चुकी है. DGP राजीव कुमार शर्मा का कहना है कि 2023, 2024 और 2025 के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद यह साफ हुआ है कि कानून के कड़े और संवेदनशील क्रियान्वयन ने सकारात्मक असर डाला है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब देशभर में अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार से जुड़े मामलों पर लगातार निगाहें रहती हैं, और राजस्थान जैसे बड़े राज्य के लिए यह कमी एक महत्वपूर्ण संकेत मानी जा रही है.

DGP शर्मा ने बताया कि नवंबर 2023 की तुलना में नवंबर 2025 में SC-ST अत्याचार के मामलों में 28.23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह कमी किसी एक वजह से नहीं, बल्कि संयुक्त रूप से कई कारगर कदमों का नतीजा है. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि राज्यभर में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए, थाना स्तर पर त्वरित FIR दर्ज करने के निर्देश जारी हुए और गंभीर मामलों में तुरंत गिरफ्तारी व केस डायरी की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की गई. ऐसे कदमों ने पीड़ितों को भरोसा दिया और दूसरी तरफ अपराधियों में कानून का भय भी पैदा किया.

SC-ST मामलों में कमी की पुष्टि के लिए तीन साल का रिकॉर्ड खंगाला गयापुलिस मुख्यालय के मुताबिक, SC-ST अत्याचार के मामलों में गिरावट दिखाने से पहले डाटा एनालिसिस टीम ने पिछले तीन वर्षों का पूरा रिकॉर्ड खंगाला. इसमें केस रजिस्ट्रेशन की गति, जांच की समयसीमा, आरोपियों की गिरफ्तारी, चार्जशीट पेश करने की दर और कोर्ट में मामलों की प्रगति जैसे सभी बिंदुओं को शामिल किया गया. कई जिलों में विशेष अभियानों के चलते मामलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है, विशेषकर उन इलाकों में जहां पहले ऐसी घटनाएं ज्यादा दर्ज होती थीं.

पुलिस की कड़ी मॉनिटरिंग और स्पेशल सेल की बड़ी भूमिकाराज्य पुलिस का दावा है कि पिछले दो वर्षों में कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर सबसे अधिक जोर दिया गया. थाना अधिकारियों को SC-ST एक्ट के प्रावधानों की विशेष ट्रेनिंग दी गई, विवादित क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई गई और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के जरिए भी भड़काऊ या भेदभावपूर्ण गतिविधियों पर कड़ा एक्शन लिया गया. DGP शर्मा का कहना है कि पीड़ितों तक शीघ्र न्याय पहुंचाने के उद्देश्य से स्पेशल मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया, जिसने पुलिस और अभियोजन विभाग को तालमेल के साथ काम करने में मदद की.

About the AuthorAnand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

December 04, 2025, 23:05 IST

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एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में कमी का दावा, पुलिस के आंकड़े चौंकाने वाले!

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