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do you know why it shows connecting for long when you enter wrong wifi password- पासवर्ड गलत फिर भी Wi-Fi ‘Connecting..’ क्यों दिखाता है? बहुत कम लोग जानते हैं इंटरेस्टिंग वजह

Last Updated:December 16, 2025, 14:25 IST

हम अक्सर देखते हैं कि किसी डिवाइस में Wi-Fi का पासवर्ड गलत डालने पर भी फोन या लैपटॉप तुरंत ‘Wrong Password’ नहीं दिखाता, बल्कि काफी देर तक ‘Connecting…’ दिखाई देता रहता है. क्या यह बग है या सिक्योरिटी फीचर? ऐसा क्यों होता है, जानिए डिटेल में…मोबाईल असो, लॅपटॉप असो वा डेस्कटॉप जेव्हा तुम्ही इंटरनेटसाठी वायफाय कनेक्ट करता तेव्हा पासवर्ड टाकल्यानंतर तो कनेक्टिंग होताना दाखवतो, तेव्हा वाटतं आता वायफाय कनेक्ट होईल आणि नंतर मात्र तो सुरू होत नाही. पासवर्डची स्क्रिन पुन्हा येते. पासवर्ड चुकीचा दाखवतो. मग जर पासवर्ड चुकीचा होता तर वायफाय कनेक्ट कसा काय होतो? याचा विचार तुम्ही केला आहे का?

मोबाइल हो, लैपटॉप हो या डेस्कटॉप, जब भी आप इंटरनेट के लिए वाई-फाई कनेक्ट करते हैं, तो पासवर्ड डालने के बाद वह कुछ समय के लिए ‘कनेक्टिंग’ दिखाता है. उस वक्त लगता है कि अब वाई-फाई कनेक्ट हो जाएगा, लेकिन फिर अचानक कनेक्शन नहीं होता और पासवर्ड डालने वाली स्क्रीन दोबारा आ जाती है. साथ ही ये भी दिखाता है कि पासवर्ड गलत है. अब सवाल ये उठता है कि अगर पासवर्ड गलत था, तो फिर वाई-फाई पहले ‘कनेक्टिंग’ कैसे दिखाता है? क्या आपने कभी इस बात पर सोचा है?

Wi-Fi ला कनेक्ट होणं म्हणजे फक्त पासवर्ड तपासणं नाही. त्यामागे काही स्टेप्सची एक प्रक्रिया असते. ज्यात डिव्हाइस वायफाय नेटवर्क शोधतं, राऊटरशी संपर्क साधतो, पासवर्ड वापरून authentication करतो, आयपी एड्रेस मिळवतो आणि इंटरनेट एक्सेस सुरू होतो. यातली प्रत्येक स्टेप पूर्ण होण्यासाठी थोडा वेळ लागतो.

Wi-Fi से कनेक्ट होना सिर्फ पासवर्ड चेक करना ही नहीं होता. इसके पीछे कई स्टेप्स का एक पूरा प्रोसेस होता है. इसमें डिवाइस सबसे पहले वाई-फाई नेटवर्क को खोजता है, फिर राउटर से कॉन्टैक्ट करता है, पासवर्ड के ज़रिए ऑथेंटिकेशन करता है, आईपी एड्रेस प्राप्त करता है और उसके बाद इंटरनेट एक्सेस शुरू होता है. इन सभी स्टेप्स को पूरा होने में थोड़ा-सा समय लगता है.

Authentication ही मल्टी स्टेप प्रक्रिया आहे. वायफाय पासवर्ड टाकल्यानंतर राऊट लगेच चूक आहे असं सांगत नाही. आधी डिव्हाइस राऊटरशी सुरक्षित कनेक्शन तयार करतो. Encryption keys तयार होतात. मगच पासवर्ड verify होतो जोपर्यंत ही प्रक्रिया पूर्ण होत नाही तोपर्यंत सिस्टम Connecting… असंच दाखवतं.

ऑथेंटिकेशन भी एक मल्टी-स्टेप प्रोसेस होता है. वाईफाई पासवर्ड डालने के बाद राउटर तुरंत ये नहीं बताता कि पासवर्ड गलत है. सबसे पहले डिवाइस राउटर के साथ एक सुरक्षित कनेक्शन बनाता है. इस दौरान एन्क्रिप्शन कीज़ तैयार होती हैं. उसके बाद ही पासवर्ड वेरिफाई किया जाता है. जब तक ये पूरा प्रोसेस खत्म नहीं हो जाती, तब तक सिस्टम ‘Connecting…’ ही दिखाता रहता है.

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सिक्युरिटी कारणांमुळे थेट एरर दाखवत नाही. जर राऊटर लगेच Wrong password सांगू लागला, तर हॅकर्सला अंदाज बांधणं सोपं होईल. Password guessing attacks वाढतील म्हणूनच सुरक्षा कारणांसाठी वाय सिस्टमआधी प्रयत्न करतो आणि फेल झाल्यावरच एरर दाखवतो.

सिक्योरिटी की वजह से सिस्टम सीधे एरर नहीं दिखाता. अगर राउटर तुरंत ‘Wrong Password’ बताने लगे, तो हैकर्स के लिए पासवर्ड का अंदाज़ा लगाना आसान हो जाएगा. इससे पासवर्ड गेसिंग अटैक्स बढ़ सकते हैं. इसलिए सुरक्षा के लिहाज़ से वाई-फाई सिस्टम पहले कनेक्ट करने की कोशिश करता है और जब ये प्रक्रिया फेल हो जाती है, तभी एरर दिखाता है.

कधी कधी राऊटर बिझी असतो. अनेक डिव्हाइस कनेक्टेड असतात, प्रोसेसर जुना किंवा स्लो असतो.  अशा वेळी राऊटरला उत्तर द्यायला वेळ लागतो. तोपर्यंत तुमच्या स्क्रीनवर Connecting… सुरूच राहतं.

कभी-कभी राउटर बिज़ी होता है. उस पर कई डिवाइस पहले से कनेक्टेड होते हैं या उसका प्रोसेसर पुराना या स्लो होता है. ऐसे में राउटर को जवाब देने में समय लगता है. तब तक आपकी स्क्रीन पर ‘Connecting…’ दिखता ही रहता है.

फोन/लॅपटॉपमध्ये जर आधीचा चुकीचा पासवर्ड सेव्ह असेल तर सिस्टम तोच पासवर्ड आपोआप वापरतो. पुन्हा पुन्हा कनेक्ट करण्याचा प्रयत्न करतो. यामुळे Connecting… जास्त वेळ दिसत राहतं, पण प्रत्यक्षात कनेक्ट होत नाही.

अगर फोन या लैपटॉप में पहले से कोई गलत पासवर्ड सेव हो, तो सिस्टम वही पासवर्ड अपने आप इस्तेमाल करता है. वह बार-बार कनेक्ट होने की कोशिश करता रहता है. इसी वजह से ‘Connecting…’ ज्यादा देर तक दिखाई देता रहता है, लेकिन असल में कनेक्शन नहीं हो पाता.

कधी कधी पासवर्ड बरोबर असला तरी राऊटरकडून IP address मिळत नाही, DHCP प्रॉब्लेम असतो. अशा वेळीही डिव्हाइस Connecting… दाखवत राहतो, कारण authentication नंतरची स्टेप फेल होते.

कभी-कभी पासवर्ड सही होने के बावजूद राउटर से IP एड्रेस नहीं मिलता, यानी DHCP की समस्या होती है. ऐसे में भी डिवाइस ‘Connecting…’ दिखाता रहता है, क्योंकि ऑथेंटिकेशन के बाद वाली स्टेप फेल हो जाती है.

Android, iOS, Windows, macOS सगळ्या सिस्टममध्ये Wi-Fi हँडलिंग वेगवेगळी असते. काही OS आधी कनेक्ट करण्याचा पूर्ण प्रयत्न करतात, फेल झाल्यावरच एरर मेसेज दाखवतात किंवा Wrong password असा मेसेज दाखवतो.

Android, iOS, Windows और macOS, सभी सिस्टम में Wi-Fi को हैंडल करने का तरीका अलग-अलग होता है. कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम पहले पूरी तरह कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं और जब वह कोशिश फेल हो जाती है, तभी एरर मैसेज दिखाते हैं या ‘Wrong password’ जैसा मैसेज दिखाते हैं.

एकंदर काय तर डिव्हाइस आधी सिक्युर कनेक्शन तयार करण्याचा पूर्ण प्रयत्न करतं, त्यानंतरच चूक आहे हे ठरवतं. म्हणूनच काही सेकंद Connecting… दिसतं आणि मगच एरर येतो. त्यामुळे पुढच्या वेळी असं झालं, तर टेन्शन घेऊ नका. Wi-Fi चा पासवर्ड चुकीचा असतानाही Connecting… दिसणं हे bug नसून सुरक्षा आणि तांत्रिक प्रक्रियेचा भाग आहे.

कुल मिलाकर बात यह है कि डिवाइस पहले एक सुरक्षित कनेक्शन बनाने की पूरी कोशिश करता है और उसके बाद ही तय करता है कि कोई गलती है या नहीं. इसी वजह से कुछ सेकंड तक ‘Connecting…’ दिखाई देता है और उसके बाद एरर आता है. इसलिए अगली बार जब ऐसा हो, तो टेंशन न लें. Wi-Fi का पासवर्ड गलत होने पर भी ‘Connecting…’ दिखना कोई बग नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा और तकनीकी प्रोसेस का ही हिस्सा है.

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December 16, 2025, 14:23 IST

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पासवर्ड गलत फिर भी Wi-Fi ‘Connecting..’ क्यों दिखाता है? इंटरेस्टिंग है वजह

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