यह होटल या भक्ति का मंदिर है! जूते बाहर, दिल में श्रद्धा… यहां खाने से पहले होती है आरती

Last Updated:April 15, 2025, 15:24 IST
Nashik Prasadalaya: नासिक के प्रसादालय होटल में शेगांव के श्री गजानन महाराज मंदिर के अन्नछत्र प्रसादालय का अनुभव लें. यहां भोजन को प्रसाद का दर्जा दिया जाता है.
हाइलाइट्स
नासिक में गजानन महाराज प्रसादालय जैसा होटल खुला.होटल में जूते-चप्पल बाहर निकालकर प्रवेश करना होता है.यहां भोजन को प्रसाद मानकर पवित्रता से तैयार किया जाता है.
नासिक: हमारी हिंदू संस्कृति में एक कहावत है ‘अन्न हे पूर्णब्रह्म’ और इस कहावत को नासिक के प्रसादालय होटल ने साकार किया है. यह सिर्फ एक होटल नहीं, बल्कि एक धार्मिक स्थल है. जिसकी शुरुआत गजानन आंधले ने की है. इस होटल में आने पर ऐसा महसूस होता है जैसे आप शेगांव के प्रसिद्ध श्री गजानन महाराज मंदिर के अन्नछत्र प्रसादालय में आ गए हों. इस होटल में भोजन को महाराज के प्रसाद का दर्जा दिया जाता है और इसे पूरी पवित्रता के साथ तैयार किया जाता है. चूंकि भोजन देवता का प्रसाद है, इसलिए यहां भोजन करते समय अपने जूते-चप्पल बाहर निकालने पड़ते हैं, ऐसा होटल के मालिक गजानन आंधले ने लोकल 18 से बातचीत में बताया.
कैसे हुई प्रसादालय की शुरुआत?बता दें कि गजानन आंधले का पहले से ही एक मिसल का ब्रांड है. लेकिन उन्हें एक और महाराष्ट्रीयन थाली का ब्रांड शुरू करने का विचार आया, तो उन्होंने गजानन महाराज के अन्नछत्र जैसा दालन शुरू किया. यहां की शांति, भक्तिमय वातावरण और प्रसादालय का स्वाद नासिकवासियों को अनुभव करने का मौका मिलता है. इसलिए उन्होंने यह होटल शुरू किया.
इस होटल में जाने पर आपको अपने जूते-चप्पल बाहर निकालकर अंदर जाना होता है. यहां के वेटर भी पारंपरिक कपड़ों में खड़े होकर आपका स्वागत करते हैं. यहां रोज सुबह और शाम महाराज की आरती होती है और इसका सम्मान पहले ग्राहक को दिया जाता है. यहां आने वाले सभी ग्राहक माऊली रूप में आते हैं, इसलिए उनकी देखभाल भी उसी तरह की जाती है.
यहां सभी महाराष्ट्रीयन खाद्य पदार्थ मिलते हैं. साथ ही अब गर्मी का मौसम है और आम का सीजन चल रहा है, इसलिए यहां आमरस थाली भी सिर्फ 390 रुपये में मिलती है. यह प्रसादालय सिर्फ नासिक में ही नहीं, बल्कि मुंबई और पुणे में भी शुरू हो गया है. अगर आप भी शेगांव के प्रसादालय का अनुभव लेना चाहते हैं, तो नासिक के मुंबई नाका स्थित होटल प्रसादालय जरूर जाएं.
First Published :
April 15, 2025, 15:24 IST
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होटल या भक्ति का मंदिर! जूते बाहर,दिल में श्रद्धा, यहां खाने से पहले होती आरती