Rajasthan
12वां वार्षिकोत्सव एवं महामस्तकाभिषेक का समापन | Conclusion of 12th anniversary festival and Mahamastakabhishek

इसके बाद पंचतीर्थ जिनालय में स्थित मनोहर जिनबिम्बों का महामस्तकाभिषेक संपन्न हुआ। भगवान के अभिषेक का सौभाग्य राकेश गंगवाल, अनिल गंगवाल, यश गंगवाल, राहुल गंगवाल, विनीत गंगवाल एवं समस्त गंगवाल परिवार, संजयभाई कोठारी, मुंबई, सुरेशचन्द जैन, शिवपुरी ने प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रतिदिन प्रातःकाल तत्त्ववेत्ता डॉ. हुकमचंदजी भारिल्ल लिखित ‘द्रव्यसंग्रह व योगसार मण्डल विधान‘ का भव्य आयोजन किया गया। विधान विशेषज्ञ डॉ. शान्तिकुमार पाटील जयपुर ने विधान में आगत महत्त्वपूर्ण तथ्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया। विधान पण्डित जिनेन्द्र शास्त्री के सहयोग से सम्पन्न हुआ।

धर्म क्या, क्यो, कैसे? विषय पर आयोजित विद्वत संगोष्ठी में पण्डित संयम शास्त्री, नागपुर ने धर्म परंपरा नहीं, स्वपरीक्षित साधना है, डॉ. ऋषभ शास्त्री, दिल्ली ने धर्म कब व किस अवस्था में करें, डॉ. दीपक शास्त्री, जयपुर ने धर्म लौकिक उन्नति में साधक या बाधक, पण्डित परमात्मप्रकाश भारिल्ल, जयपुर ने वर्तमान स्थिति में धर्म संभव या असंभव विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी डॉ. वीरसागर शास्त्री के अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसका संचालन पण्डित जिनकुमार शास्त्री, जयपुर में किया।