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राजस्थान यह गांव है देश का बेस्ट ‘टूरिस्ट विलेज’, यहां की हर बात है निराली, जानें 5 बड़ी खासियतें

अशोक सिंह भाटी.

अजमेर. अजमेर से सटे ब्यावर जिले में स्थित देवनारायण भगवान की तपोभूमि देवमाली गांव को अब विश्व पटल पर अलग पहचान मिलेगी. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने ब्यावर के मसूदा उपखंड में स्थित देवमाली गांव को देश का ‘बेस्ट टूरिस्ट विलेज’ घोषित किया है. केंद्र सरकार की ओर से आगामी 27 नवंबर को दिल्ली में अवार्ड देकर इस गांव को सम्मानित किया जाएगा. इस अवार्ड के बाद देवमाली गांव विश्व की पर्यटन नक्शे पर दिखाई देगा. इससे यहां का विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. पूरे विश्व में इसकी अलग रूप से पहचान बनेगी.

मंत्रालय के संयुक्त महानिदेशक अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय की ओर से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. उसके तहत ऐसे गांव को मान्यता दी गई है जो पर्यटन स्थल का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करता है. ऐसा गांव जो अपनी संस्कृति के जरिये प्राकृतिक संपदाओं को संरक्षित करता है. समुदाय आधारित मूल्य और जीवन शैली को बढ़ावा देता है. अपने सभी पहलुओं जैसे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आदि में स्थिरता के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता रखता है.

देवमाली में वास्तविक ग्रामीण जनजीवन बसता हैऐसे गांव के रूप में देवमाली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना गया है. पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर उत्सव कौशल ने देवमाली पर केंद्रित रूरल टूरिज्म की एक डॉक्यूमेंट्री लॉन्च की थी. तत्कालीन उपखंड अधिकारी और वर्तमान में एडीए के उपायुक्त भरतराज गुर्जर के निर्देशन में बनाई गई इस डाक्यूमेंट्री में देवमाली के वास्तविक ग्रामीण जनजीवन और वहां पर्यटन की संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया है. इस लघु डाक्यूमेंट्री का उद्देश्य लोगों को देवमाली गांव के वास्तविक स्वरूप, उसकी परंपरा, लोक जीवन और संस्कृति से रू-ब-रू करवाना था.

घरों की पक्की नहीं बल्कि केलू की कच्ची छत हैमसूदा उपखंड में अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा खूबसूरत देवमाली गांव कई मायनों में अनोखा है. गांव के सभी मकान आज भी मिट्टी से बने हुए हैं. उन पर पक्की नहीं बल्कि केलू की कच्ची छत है. यहां प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छटा है. गांव में गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान श्रीदेवनारायण का सुप्रसिद्ध मंदिर है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. गांव के लोग अपनी परंपरा और मूल्यों का पालन करते हुए आज भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते हैं.

पिछले महीने यहां जॉली एलएलबी-3 की शूटिंग भी हुई थीग्रामीण देवनारायण के वचनों में बंधे हुए हैं. पिछले महीने यहां जॉली एलएलबी-3 की शूटिंग भी हुई थी. विश्व पटल पर पहचान मिलने के साथ ही देवमाली में कई विकास की योजनाएं संचालित होंगी. इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की जाएगी. इसकी पारंपरिक और ऐतिहासिक संरचना को देखते हुए यहां कार्य किए जाएंगे. इससे यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

Tags: Ajmer news, Big news, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 12:49 IST

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