‘शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में…’ अमिताभ बच्चन ने याद किया 1965 का युद्ध, रामचरित मानस से शेयर की ये पंक्ति

Last Updated:May 12, 2025, 07:19 IST
अमिताभ बच्चन ने साल 1965 के युद्ध को याद किया. उन्होंन तुलसीदास की रामायण में से परशुराम-लक्ष्मण संवाद की एक लाइन भी शेयर की, जिसमें शूरवीरों की एक खूबी बताई है. उनके पिताजी की लिखी गई कविता आज की परिस्थितियों …और पढ़ें
अमिताभ बच्चन ने 1965 के युद्ध को याद किया.
मुंबई. अमिताभ बच्चन ने पहलगाम टेरर अटैक के बाद 22वें दिन चुप्पी तोड़ी और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की तारीफ की. उन्होंने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. अब उन्होंने एक ट्वीट किया है. इस बार उन्होंने पिताजी हरिवंश राय बच्चन की एक कविता लिखते हुए बताया कि उनकी यह कविता 1965 के युद्ध के दौरान खूब प्रसिद्ध हुई थी. इस कविता के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था. यह कविता तुलसीदास रामचरित मानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ली गई थी.
अमिताभ बच्चन ने अपने ट्वीट में लिखा, “सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप” पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने के लिए बातें नहीं बनाते. यह पंक्ति तुलसीदास जी के रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ही ली गई है -“

अमिताभ बच्चन का ट्वीट
अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा, ‘…कि शूरवीर अपनी वीरता को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपने मुँह से अपनी प्रशंसा नहीं करते। कायर लोग ही युद्ध में शत्रु को सामने देखकर अपनी वीरता की डींगें हाँका करते हैं.
Ramesh Kumar
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच…और पढ़ें
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच… और पढ़ें
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