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Rajasthan Toll Tax: government 3 types of taxes for vehicle on road | एक सड़क पर चलने के लिए 3 बार टैक्स के नाम पर कटती है जेब, इस तरह से वसूलते कर

सड़क पर वाहन चलाने के नाम पर सरकारें तीन तरह के टैक्स ले रही हैं। हाईवे पर टोल टैक्स, वाहन खरीद पर रोड टैक्स और पेट्रोल-डीजल पर सेस वसूला जा रहा है।

जयपुर

Published: February 27, 2022 03:17:02 pm

सड़क पर वाहन चलाने के नाम पर सरकारें तीन तरह के टैक्स ले रही हैं। हाईवे पर टोल टैक्स, वाहन खरीद पर रोड टैक्स और पेट्रोल-डीजल पर सेस वसूला जा रहा है। तीनों ही टैक्स सड़क विकास के नाम पर लिए जा रहे हैं, जिसने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। इसके बावजूद वाहन चालकों क हाईवे पर असुरक्षित सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। टोल टैक्स से हर दिन करीब 50 करोड़ रुपए, रोड टैक्स के नाम पर सालाना करीब 2500 करोड़ और पेट्रोल-डीजल पर सेस के जरिए मोटी रकम वसूली जा रही है। इसके बावजूद हर साल हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 4 से 5 फीसदी की दर से बढ़ा है। शहरी सीमा में भी सड़कों की बदहाली किसी सी छिपी नहीं है।

Rajasthan Toll Tax: government 3 types of taxes for vehicle on road

इस तरह से वसूलते कर
टोल टैक्स :
हाईवे पर औसतन सौ किलोमीटर की दूरी नापने पर चौपहिया वाहन चालक को 30 रुपए से 125 रुपए टैक्स देना पड़ रहा है। बस व ट्रक के लिए 150 से 500 रुपए तक है। टोल टैक्स सड़कों की लम्बाई के अनुसार और एनएचएआइ के टोल दरों के अनुसार अलग-अलग है।

रोड टैक्स व सेसे
6 से 13 प्रतिशत रोड टैक्स लिया जा रहा है। यह टैक्स वाहन कीमत के आधार पर है जो नॉन कॉमर्शियल वाहनों के लिए एकमुश्त है। कॉमर्शियल व अन्य वाहनों से सालाना ले रहे हैं। पेट्रोल-डीजल पर भी रोड सेस ले रहे हैं। पेट्रोल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.75 रुपए प्रति लीटर है।

आधारभूत सुविधा के नाम पर ये टैक्स भी 1. बिजली : अरबन सेस के नाम पर शहरी उपभोक्ता से 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली बिल में लिया जा रहा है। सालाना करीब 180 करोड़ रुपए वसूल रहे हैं। यह सेस वर्ष 2012 में लागू किया गया।

2. नगरीय निकाय : शहरी विकास (यूडी) के नाम पर टैक्स। इसकी गणना डीएलसी रेट और उपयोग के आधार पर की जा रही है। 3. जलदाय विभाग : अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर शुल्क 15 हजार से 45 हजार लीटर तक, पेयजल उपभोग पर 15 प्रतिशत और 45 हजार से ज्यादा उपभोग वाले उपभोक्ताओं से 25 प्रतिशत राशि ली जा रही है।

4. पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग : इन्फ्रास्ट्रक्चर आधारभूत सुविधा शुल्क ले रहे। स्टांप शुल्क पर 10 प्रतिशत राशि। कहां हो रहा है पैसे का उपयोग
रोड टैक्स और सैस का पैसा कहां और किस तरह खर्च हो रहा है, जनता को यह पता नहीं है। जबकि, शहरों और हाईवे दोनों जगह सड़कों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। ट्रांसपोर्ट डीलर्स और पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन भी कई बार सरकार से यह पूछ चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। ऐसे में सरकारी प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

यह है रोड टैक्स की राशि..
1. दोपहिया : 8 से 13 प्रतिशत (चेसिस क्षमता के आधार पर)
2. चौपहिया : 6 से 12 प्रतिशत (पेट्रोल-डीजल चलित दोनों वाहन, चेसिस क्षमता के आधार पर )
3. तिपहिया यात्री वाहन : 3000 रुपए (3 सवारी क्षमता तक), 6000 रुपए (4 सवारी क्षमता तक), 8000 रुपए (4 सवारी से ज्यादा क्षमता)
4. कैरिज वाहन (राष्ट्रीयकृत मार्गों पर संचालन)— 665 रुपए प्रति सीट प्रति माह

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