Amarinder Singh Ajay Maken Cm Ashok Gehlot – माकन के रीट्वीट में गहलोत-अमरिंदर पर सियासी हमला, कांग्रेस में बढ़ी हलचल

– गहलोत के बयान और माकन के रीट्वीट से चर्चा, दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं

– पंजाब के बाद अब राजस्थान में खींचतान का हल निकालने की बारी
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अमरिंदर सिंह पर निशाना साधने वाले एक ट्वीट को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के रीट्वीट करने के बाद प्रदेश कांग्रेस में सियासी हलचल एकाएक तेज हो गई है। माकन ने जिस ट्वीट को रीट्वीट किया, उसमें लिखा था कि किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है। गांधी नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है। चाहे वह अमरिंदर सिंह हो या गहलोत, पहले शीला या कोई और मुख्यमंत्री बनते ही यह समझ लेते हैं कि उनकी वजह से ही पार्टी जीती। उधर, माकन के इस रीट्वीट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवजोत सिंह सिद्धू को बधाई देने के साथ अमरिंदर सिंह का बचाव किया है और कहा कि कांग्रेस की परम्परा रही है कि हर निर्णय से पहले सभी से राय-मशविरा होता है। सभी को अपनी बात रखने का मौका मिलता है। सबकी राय को ध्यान में रखकर जब एक बार पार्टी हाईकमान फैसला ले लेता है तब सभी कांग्रेसजन एकजुट होकर उसे स्वीकार करने की परम्परा को निभाते हैं। यही कांग्रेस की आज भी सबसे बड़ी ताकत है। गहलोत के इस बयान को सियासी हलकों में माकन के रीट्वीट के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इससे यह भी साफ हो गया है कि गहलोत-माकन के बीच भी सबकुछ ठीक नहीं है।
माकन के रीट्वीट के बाद गहलोत ने सिद्धू को दी नसीहत, अमरिंदर का किया बचाव
मुख्यमंत्री गहलोत ने बयान जारी कर कहा है कि अमरिंदर ने सप्ताह भर पहले ही अध्यक्ष के फैसले को मानने की घोषणा कर दी थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर मीडिया के सामने पिछले सप्ताह ही घोषणा कर दी थी कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के हर
फैसले को स्वीकार करेंगे। उन्होंने सिद्धू को अध्यक्ष
बनने पर बधाई और शुभकामनाएं देने के साथ कांग्रेस की परंपरा निभाने, सबको साथ लेकर चलने की नसीहत देते हुए कहा कि उम्मीद है कि वे कांग्रेस पार्टी की परम्परा का निर्वहन भी करेंगे और सभी को साथ लेकर पार्टी की रीति-नीति को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक दिन बाद सिद्धू को बधाई तो दी है, लेकिन उनके बयान में जिस तरह की टोन है, उसे माकन के बयान के बाद की प्रतिक्रिया ही सियासी हलकों में माना जा रहा है। इसमें वे सीधे तौर पर अमरिंदर सिंह का बचाव कर रहे हैं। इतना ही नहीं सिद्धू को कांग्रेस की परंपरा निभाने और सबको साथ लेकर चलने की नसीहत देकर भी नई सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की आपसी खींचतान की तरह ही राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच है। यह सभी जानते हैं। यही वजह है कि पंजाब में खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने से समाधान हो गया है। उसी तरह अब राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच सालभर से चल रही खींचतान को खत्म करने के लिए आलाकमान सुलह का रास्ता खोजेगा। बताया जा रहा है कि आलाकमान की ओर से भी पंजाब का मामल निपटने के बाद राजस्थान में सुलह कराए जाने की बात कही गई थी। लेकिन पंजाब की सुलह के साथ ही अजय माकन के रीट्वीट से राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है और इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। राजस्थान में गहलोत-पायलट खेमों के बीच मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के साथ ही संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर ११ माह से खींचतान चल रही है।