Rajasthan Upchunav : गहलोत, वसुंधरा राजे और पायलट के बिना हो रहे उपचुनाव! सियासी गलियारों में अफवाहों का बवंडर
जयपुर. राजस्थान में आगामी 13 नवंबर को दौसा, झुंझुनूं, खींवसर, चौरासी, देवली उनियारा, रामगढ़ और सलूंबर सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. आज नाम वापसी का दिन है. लेकिन इस बार ये चुनाव काफी अलग हैं. इसकी बड़ी वजह है सूबे की सियासत के वो तीन बड़े नाम जो अभी तक इस उपचुनाव में नजर नहीं आए हैं. ये तीन दिग्गज नेता हैं पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट. ये तीनों ही नेता इस बार राजस्थान के उपचुनाव में अभी तक नजर नहीं आए हैं. इसको लेकर राजस्थान की राजनीति में कई तरह चर्चाएं हैं. कहीं गहलोत पायलट की राजनीतिक प्रतिद्वंदता तो कहीं राजे के असंतोष की चर्चाए हैं.
दरअसल कांग्रेस और बीजेपी के ये तीनों दिग्गज नेता राजस्थान की राजनीति के धुरी रहे हैं. राजस्थान से लेकर दिल्ली तक इनका जलवा है. दोनों ही पार्टियों के यह अहम किरदार राजस्थान की राजनीति में बेहद खास वजूद रखते हैं. लेकिन इस बार प्रदेश की सात सीटों पर हो रहे उपचुनावों में ये तीनों ही अभी तक नजर नहीं आए हैं. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
गहलोत और पायलट महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैंकांग्रेस ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को महाराष्ट्र के चुनावों की बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है. ये दोनों नेता पहले हरियाणा चुनावों में व्यस्त रहे और फिर अब महाराष्ट्र के चुनावों में जुटे हैं. उपचुनावों में इन दोनों की गैर मौजूदगी को लेकर बीते दिनों पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि दोनों के पास बड़ी जिम्मेदारियां हैं. उनके यहां नहीं होने से उपचुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वे यहां भी पर्याप्त समय देंगे. लेकिन अभी तक दोनों नेताओं की चुनाव में कोई भूमिका नजर नहीं आई है.
चुनाव मैदान में राजे की सक्रियता भी नहीं हैवहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सक्रियता भी चुनाव मैदान में नहीं होना आमजन के साथ ही राजनीतिक पंडितों को अखर रही है. उनको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. बीजेपी में चुनाव की कमान प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और सीएम भजनलाल शर्मा ने संभाल रखी है. राजे को लेकर बीजेपी राजस्थान प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल ने हाल ही में एक बयान दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित इस बयान में उन्होंने कहा कि राजे लंबे समय तक राजस्थान की राजनीति का केन्द्र बनी रहेंगी. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी वरिष्ठ सलाहकार की भूमिका से संतुष्ट हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 16:34 IST