Rajasthan Upchunav: दौसा और झुंझुनूं सीट के लिए कौन-कौन हैं तगड़े दावेदार, जानें पूरा सियासी बैकग्राउंड
जयपुर. राजस्थान में उपचुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है. आज से नामांकन भरने का काम शुरू हो चुका है. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में दौसा और झुंझुनूं जिला मुख्यालय की सीटें हैं. दोनों ही सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में कई दावेदार सामने आ रहे हैं. कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि का हवाला दे रहा है तो कोई खुद के दम पर टिकट मांग रहा है. दोनों ही पार्टियों ने अभी तक टिकटों का ऐलान नहीं किया है.
राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य पार्टियां भी अपने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी. राजस्थान में अभी तक उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहता आया है. लेकिन इस बार पड़ोसी राज्य हरियाणा चुनाव के परिणाम के बाद बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ नजर आ रहा है. उपचुनाव वाली सात में से चार कांग्रेस के पास थी. वहीं एक-एक भाजपा, आरएलपी और भारत आदिवासी पार्टी के पास थी.
दौसा में कांग्रेस की नजरें टिकी है सांसद के परिवार परदौसा विधानसभा सीट से 2023 के चुनाव में कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा 31, 204 वोटों से जीते थे. उन्होंने भाजपा के शंकरलाल शर्मा को शिकस्त दी थी. लेकिन लोकसभा चुनावों में मुरारीलाल मीणा विधायक से सांसद बन गए. वर्तमान में बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस सीट पर सांसद मुरारीलाल मीणा की पत्नी सविता और बेटी निहारिका मीणा के नाम पर विचार कर रही है. वहीं पूर्व विधायक जीआर खटाणा को सचिन पायलट खेमे का नजदीकी का फायदा मिलता है तो वे भी चुनाव लड़ सकते हैं.
दौसा में बीजेपी मंत्री किरोड़ीलाल के परिवार को ला सकती है आगेकांग्रेस में इनके अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव नरेश मीणा दावेदारी कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में नरेश ने बारां जिले की छबड़ा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर 44 हजार वोट हासिल किए थे. सामान्य सीट होने के कारण कांग्रेस के युवा नेता संदीप शर्मा भी टिकट के दावेदारों में से एक है. बीजेपी में देखें तो 2013 में शंकर शर्मा ने यहां से पार्टी के टिकट पर आखिरी बार चुनाव जीता था. शंकर शर्मा दो बार लगातार चुनाव हार चुके हैं. शंकरलाल शर्मा के अलावा भजनलाल सरकार के मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा भी एसटी वोटर के सहारे दावेदारी जता रहे हैं. इनके अलावा पूर्व में विधायक रहे नंदलाल बंशीवाल एससी वोटर से सहारे टिकट का जुगाड़ करने में लगे हैं.
झुंझुनूं में कांग्रेस फिर से ओला परिवार पर जता सकती है विश्वासझुंझुनूं सीट कांग्रेस के विधायक बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने के कारण रिक्त हुई थी. यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. इस सीट पर पिछले चार चुनावों से कांग्रेस जीत रही है. पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा से निषित कुमार उर्फ बबलू चौधरी को टिकट दिया गया था. लेकिन वे 28,863 मतों से चुनाव हार गए थे. इस उपचुनाव में कांग्रेस अपने मजबूत किले को बचाने के लिए एक बार फिर ओला परिवार को टिकट दे सकती है. ओला परिवार से ही तीन दावेदार माने जा रहे हैं. इनमें बृजेंद्र ओला की पत्नी और पूर्व जिला प्रमुख राजबाला ओला तथा पुत्र अमित ओला दावेदारी कर रहे हैं. ओला की पुत्रवधू आकांक्षा ओला का नाम भी दावेदारों में शामिल हैं. हालांकि इन नामों के अलावा झुंझुनूं के जिला अध्यक्ष दिनेश सुंडा भी दावेदारी कर रहे हैं.
झुंझुनूं में बीजेपी से ये दावेदार कर रहे हैं दावेदारीवही भाजपा से इस बार भी बबलू चौधरी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं. इसके अलावा वह राजेंद्र भाम्बू को भी प्रत्याशी बना सकती है. भाम्बू ने पिछले चुनाव में भी टिकट मांगा था. टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय लड़े थे. उन्होंने 42 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी को 57 हजार वोट मिले थे. टिकट के दावेदार बनवारीलाल सैनी को भाजपा माली वोट बैंक को साधने के लिए मौका दे सकती है. इनके अलावा विश्वंभर पूनिया, हर्षिनी कुलहरी और उदयपुरवाटी से मात्र 412 वोटों से हारने वाले शुभकरण चौधरी भी संभावित प्रत्याशियों में शामिल बताए जा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 13:37 IST